माघ मेला-2026: सीएम योगी ने दिए समयबद्ध और भव्य तैयारियों के निर्देश
सीएम ने 31 दिसंबर 2025 तक काम पूरा करने, वीआईपी प्रोटोकॉल हटाने पर जोर दिया। मेले में आधुनिक तकनीक से भीड़ नियंत्रण और कल्पवासियों की सुविधाओं को प्राथमिकता दी गई है।
सीएम योगी ने पूरे मेला क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है।
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान माघ मेला-2026 की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आयोजन केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं है, बल्कि भारत की प्रशासनिक दक्षता और सनातन परंपरा का प्रतिबिंब है।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस बार कल्पवासियों की संख्या 25 लाख तक पहुच सकती है, इसलिए सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधा के मानकों पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
आध्यात्मिक गरिमा और आधुनिक तकनीक का संगम
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि माघ मेला-2026 में आध्यात्मिक पवित्रता के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का प्रभावी उपयोग होना चाहिए। ट्रैफिक और क्राउड मैनेजमेंट के लिए बहुस्तरीय कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएम ने स्पष्ट किया कि नवाचार और संवेदनशील प्रशासन के जरिए श्रद्धालुओं को एक सुखद अनुभव प्रदान किया जाए। साथ ही, अफवाह फैलाने वाले तत्वों पर कड़ी नजर रखने और उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की बात कही।
वीआईपी प्रोटोकॉल पर पाबंदी और सख्त समय सीमा
प्रशासनिक चुस्ती बनाए रखने के लिए सीएम योगी ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि प्रमुख स्नान पर्वों पर किसी भी तरह का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।
उन्होंने सभी संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों और पुलिस महानिदेशक को खुद मेला क्षेत्र का दौरा कर तैयारियों की जमीनी समीक्षा करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिए हैं कि मेले से जुड़ी समस्त तैयारियां हर हाल में 31 दिसंबर, 2025 तक पूरी कर ली जाएं।
स्वच्छता और 'जीरो लिक्विड डिस्चार्ज' का संकल्प
पर्यावरण और नदियों की शुद्धता को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने पूरे मेला क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है।
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पवित्रता बनाए रखने के लिए 'जीरो लिक्विड डिस्चार्ज' की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, स्वच्छता के सिपाही यानी सफाई कर्मियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि उनके मानदेय का भुगतान 15 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से किया जाए।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और कल्पवासियों की सुविधा
इस वर्ष मेले में 15 से 25 लाख कल्पवासियों के आने का अनुमान है। सीएम ने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करने को कहा है ताकि इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को आवास, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं में कोई कमी न आए।
उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता का ऐसा उदाहरण पेश किया जाए जो वैश्विक स्तर पर एक मानक बने।