69,000 शिक्षक भर्ती: आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री का आवास घेरा, जानिए क्या है पूरा मामला?

चार साल से नियुक्ति न मिलने से नाराज़ प्रदर्शनकारियों ने आत्मदाह की चेतावनी दी और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने की मांग की।

Updated On 2025-10-25 14:15:00 IST

प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेजा गया।

लखनऊ : आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण नियमों के कथित उल्लंघन के खिलाफ लखनऊ में मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाजी की और अपनी मांगों को पूरा न किए जाने पर आत्मदाह की चेतावनी भी दी। अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण घोटाले के कारण उनके अधिकारों की अनदेखी की गई है, जिससे वे पिछले चार वर्षों से न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय की डबल बेंच के आदेश का पालन करने और उन्हें तत्काल नियुक्ति देने की मांग कर रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और बाद में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेजा गया।

विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण?

अभ्यर्थियों का दावा है कि 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जो 2018 में शुरू हुई थी, उसमें आरक्षित वर्ग को मिलने वाले लाभों की अनदेखी की गई है। उनका आरोप है कि नियमों का पालन न करने के कारण आरक्षित वर्ग के योग्य उम्मीदवारों को चयन से बाहर कर दिया गया। यह आरक्षण घोटाला ही उनके लगातार विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण है। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे न केवल अपने लिए, बल्कि उन सभी आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए न्याय मांग रहे हैं जो इस अन्याय का शिकार हुए हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर भर्ती मामले को जानबूझकर लटकाने और उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद उन्हें नियुक्ति न देने का आरोप लगाया है।

सरकार पर लापरवाही और कोर्ट केस का लंबा खिंचना

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार इस संवेदनशील मामले में लापरवाही बरत रही है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने इस मामले में अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन सरकार ने उस आदेश का पालन करने के बजाय मामले को सुप्रीम कोर्ट में जाने दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार के पास पर्याप्त समय था कि वह उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कर सभी को न्याय दिला सकती थी। अब सुप्रीम कोर्ट में भी मामले की सुनवाई में देरी हो रही है, जिससे उनकी पीड़ा और संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। अभ्यर्थियों की मुख्य मांग है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में उनकी मजबूत पैरवी करे और मामले का जल्द से जल्द निस्तारण कराए ताकि उन्हें नियुक्ति मिल सके।

मंत्री आवास पर घेराव और आत्मदाह की चेतावनी

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने लखनऊ में बेसिक शिक्षा मंत्री और अन्य मंत्रियों के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों ने "केशव चाचा न्याय करो" जैसे नारे लगाए, कुछ अभ्यर्थियों ने आत्मदाह की चेतावनी भी दी। पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें बस में बैठाकर धरना स्थल ईको गार्डन भेजा। हालांकि, अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, उनका यह विरोध प्रदर्शन और न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा। वे चार साल से अधिक समय से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं और अब जल्द से जल्द नियुक्ति चाहते हैं।


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