Politics: रणजीत सिंह गिल के ठिकानों पर छापा, रात को थामा बीजेपी का दामन, सुबह लगा 'दाग'
शिरोमणि अकाली दल छोड़ने वाले रणजीत सिंह गिल ने शुक्रवार को भाजपा का दामन थाम लिया। सुबह पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने उनके आवास और ऑफिस पर छापा मार दिया।
हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने रणजीत गिल को कराया था भाजपा में शामिल।
शिरोमणि अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले रणजीत सिंह गिल को चंद घंटों बाद ही विजिलेंस ब्यूरो की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। खबरों की मानें तो विजिलेंस ब्यूरो ने उनके घर के साथ ही उनके ऑफिस पर भी छापा मारा है। कई लोग इस कार्रवाई को लेकर भगवंत मान की सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में रणजीत सिंह गिल को भाजपा में शामिल कराया था। सुबह विजिलेंस की टीम ने उनके आवास और कॉर्पोरेट ऑफिस पर छापा मार दिया। विजिलेंस ब्यूरो के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि यह कार्रवाई अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज मामलों से जुड़ी जांच का हिस्सा है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में मजीठिया को कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था। अभी भी जेल में बंद हैं। अब जांच को आगे बढ़ाते हुए रणजीत सिंह गिल के ठिकानों पर छापे मारे गए हैं।
रणजीत गिल के आप में जाने की थी अटकलें
बता दें कि रणजीत सिंह गिल ने शिरोमणि अकाली दल से 2022 में खरड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्हें इस चुनाव में आप प्रत्याशी अनमोल गगन मान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 19 जुलाई को खबर सामने आई थी कि अनमोल गगन मान ने विधायकी और राजनीति छोड़ दी है। चर्चा चल रही थी कि रणजीत गिल आम आदमी पार्टी जॉइन कर सकते हैं, जिससे नाराज होकर अनमोल गगन ने इस्तीफा दिया है।
हालांकि नाटकीय अंदाज में अगले ही दिन अनमोल गगन ने इस्तीफा वापस ले लिया था। तब से कयास लग रहे थे कि रणजीत सिंह गिल का राजनीति भविष्य क्या होगा? कल चंडीगढ़ में रणजीत सिंह गिल को भाजपा का साथ मिल गया। बताया जा रहा है कि उन्हें 2027 के विधानसभा सीट में खरड़ से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। लेकिन, बीजेपी का दामन थामते ही गिल की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं।