Lohri 2024: भारत की लोहड़ी, ईरान में चहार-शंबे सूरी...एक जैसे फेस्टिवल; उद्देश्य एक, लेकिन परंपराएं अलग-अलग

ईरान और भारत में मनाया जाने वाले पर्व का नाम जरूर अलग-अलग है। मगर मनाया एक जैसा ही जाता है। भारत का त्योहार लोहड़ी और ईरान में मनाया जाने वाला पर्व चहार-शंबे सूरी दोनों ही नई ऋतु के स्वागत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

Updated On 2024-01-07 20:38:00 IST
Chahar-Shambe Suri in Iran

Lohri 2024: साल का सबसे पहला त्योहार लोहड़ी को माना जाता है। लोहड़ी के बाद पूरे भारत भर में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। लोहड़ी के त्योहार से ही देशभर में फेस्टिवल्स की शुरूआत होती है। अग्नि को समर्पित ये पर्व पंजाब के अलावा हिमाचल, हरियाणा और दिल्ली में मनाया जाता है। हालांकि, इस त्योहार के मौके पर पंजाब में सबसे ज्यादा धूम रहती है। आपको बता दें, ईरान में भी हुबहू लोहड़ी जैसा ही त्योहार मनाया जाता है। ईरान में भी रात के समय आग जलाकर मेवे अर्पित किए जाते हैं। मगर यहां इस त्योहार का नाम चहार-शंबे सूरी के नाम से जाना जाता है।  

क्या है चहार-शंबे सूरी 
चहार-शंबे सूरी त्योहार है, जिसे ईरानी पारसी लोग मनाते हैं। ईरान में साल के आखिरी मंगलवार को यह त्योहार मनाया जाता है, जिस दौरानरात को लोग अपने घरों के आगे आग जलाकर उसके ऊपर से कूदते हैं। यही नहीं, ईरानी लोग आग में मेवे डालते हैं। साथ ही गीत भी गाते हैं। ‘ऐ आतिश-ए-मुक़द्दस! ज़रदी-ए-मन अज़ तू सुर्ख़ी-ए-तू अज मन।’इसका अर्थ है कि- हे पवित्र अग्नि देवता! हमारा निस्तेज पीलापन तू हर ले और अपनी जीवंत लालिमा युक्त प्रकाश से हमें भर दे।

अग्नि है पवित्र
दरअसल, ईरान और भारत में मनाया जाने वाले पर्व का नाम जरूर अलग-अलग है। मगर मनाया एक जैसा ही जाता है। भारत का त्योहार लोहड़ी और ईरान में मनाया जाने वाला पर्व चहार-शंबे सूरी दोनों ही नई ऋतु के स्वागत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने का उद्देशय अग्नि की ऊर्जा से भर जाने की कामना है। हालांकि, दोनों ही जगहों पर इसे मनाने की परंपराएं अलग-अलग  हैं। 

लोहड़ी का महत्व
 मकर संक्रांति की पूर्व संध्या 13 जनवरी को ही लोहड़ी मनाई जाती है। यह खुशियां साझा करने का प्रमुख त्यौहार है। यह लोगों में नईं उमंग और उत्साह भरता है। इसलिए इसे शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है। यह पर्व पंजाब की प्राचीन कृषि संस्कृति से जुड़ी है। इसलिए इस दिन पंजाब के किसान अपना नया अन्न अग्नि को भेंट करते हैं। इस दिन लोग खेत खलियानों में भी इकट्ठा होकर एक साथ लोहड़ी पर बनाते हैं। मध्यकाल में दुल्ला भट्टी का प्रसंग लोहड़ी से जुड़ा हुआ है। यह त्योहार देशभर मनाया जाता है।

Tags:    

Similar News