एनएचएम कर्मचारियों का अनोखा प्रदर्शन: 150 फुट ऊंची टंकी पर चढ़कर गरजे, नीचे उतरने की अधिकारी करते रहे अपील  

सिरसा में एनएचएम कर्मचारी लघु सचिवालय में बनी 150 फुट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़ गए। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने।

Updated On 2024-08-05 21:36:00 IST
पानी की टंकी पर चढ़े एनएचएम कर्मचारी। 

Sirsa: मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के चार कर्मचारी सोमवार अल सुबह लघु सचिवालय में बनी 150 फुट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़ गए। जैसे ही कर्मचारियों के पानी की टंकी पर चढ़ने की सूचना अन्य कर्मचारियों को लगी तो वे भी लघु सचिवालय पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। आनन-फानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे और टंकी पर चढ़े कर्मचारियों से नीचे उतरने की अपील की, लेकिन वे नहीं माने। कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वे यहीं बैठे रहेंगे। उधर, एक दिन पहले सिरसा में कर्मचारियों ने सीएम नायब सिंह सैनी के नाम खून से पत्र लिखकर भेजा था।

पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शनकारियों ने बनाया वीडियो

पानी की टंकी पर चढ़े यूनियन के जिला प्रधान कुंदन गावड़िया ने वीडियो जारी कर कहा कि हरियाणा के 16 हजार कर्मचारी पिछले 10 दिनों से मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। 11वें दिन सोमवार सुबह करीब 2 बजे वे 4 कर्मचारी पानी की टंकी पर चढ़ गए। वह तब तक नीचे नहीं उतरेंगे, जब तक उन्हें पक्का नहीं किया जाता। एनएचएम कर्मचारी पिछले काफी सालों से स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। इसके बावजूद सरकार उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही। सरकार की अनदेखी के विरोध में एनएचएम के तहत चलने वाली सभी सेवाओं को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है, जिसमें लेबर रूम, नर्सरी, केए मसी यूनिट, रेफरल ट्रांसपोर्ट, मेंटल हेल्थ, स्कूल हेल्थ, टीबी व आयुष विभाग के कार्य शामिल हैं।

ये हैं कर्मचारियों की मांगे

प्रधान कुंदन गावड़िया ने कहा कि एनएचएम कर्मचारियों को पक्के कर्मचारी घोषित किया जाए, सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए, सर्विस रूल के साथ कोई छेड़छाड़ न हो, कैश-लेस मेडिकल सुविधा देने, एलटीसी, ग्रेच्युटी व एक्स ग्रेशियर पॉलिसी का लाभ दिया जाए। कर्मचारियों को सेवा के अनुसार ईएलए स्टडी लीव, ट्यूशन फीस का लाभ दिया जाए। आयुष्मान भारत योजना के तहत सीएचओ कैडर की एसओपी को लागू करने व बांड प्रथा को समाप्त किया जाए। ट्रांसफर सुविधा दी जाए। वर्ष 2017 से 2024 तक कर्मचारियों द्वारा दी गई हड़ताल अवधि का वेतन जारी किया जाए।

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