हरियाणा स्थानीय निकाय चुनाव : इनेलो के इस फैसले से बिगड़ेंगे कई नेताओं के समीकरण, अभय चौटाला ने लिया बड़ा निर्णय

हरियाणा के स्थानीय निकाय चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल (inld) भी अब मैदान में उतरेगी। पार्टी सुप्रीमो अभय सिंह चौटाला ने इनेलो मुख्यालय में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में फैसला लिया।

Updated On 2025-02-11 18:01:00 IST
इनेलो सुप्रीमो व राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला।

haryana municiple election : हरियाणा के स्थानीय निकाय चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल (inldinld ) भी अब मैदान में उतरेगी। पार्टी सुप्रीमो और राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने इनेलो मुख्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, जिला और शहरी प्रधानों की बैठक में फैसला लिया कि दो दिन में चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से चर्चा होगी। इसके बाद कुछ सीटों पर इनेलो सिंबल पर चुनाव लड़ सकती है और कुछ सीटों पर समर्थन दे सकती है। इससे कई सीटों पर रोचक समीकरण बन सकते हैं या कई के बिगड़ सकते हैं। 

इस तरह करेंगे पार्टी को मजबूत

वहीं, पार्टी को मजबूत करने के लिए वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है। यह नेता चार-चार जिलों में जाकर पुराने कार्यकर्ताओं से मिलकर उन्हें दोबारा सक्रिय करेंगे। चौ. देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के समय के जो पुराने कार्यकर्ता किन्हीं कारणों की वजह से पार्टी की गतिविधियों से दूर हैं, उन्हें भी सक्रिय किया जाएगा। इसके बाद नए सिरे से कमेटियों का गठन कर पार्टी को मजबूत किया जाएगा। 

भूपेंद्र हुड्डा भाजपा के एजेंट

अभय सिंह चौटाला ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हरियाणा कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में भाजपा की बी टीम के रूप में काम करके प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने का काम किया है। यह साफ हो चुका है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा बीजेपी के एजेंट हैं। बैठक में इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरएस चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रकाश भारती, पूर्व डीजीपी एमएस मलिक, राष्ट्रीय प्रवक्ता उमेद लोहान और प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सतबीर सैनी मौजूद रहे।

भाजपा और कांग्रेस सिंबल पर लड़ रही चुनाव

हरियाणा में करीब 40 स्थानीय निकाय में 2 मार्च को चुनाव होने हैं। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस सिंबल पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में यदि इनेलो भी सिंबल पर चुनाव लड़ने उतरती है तो कई जगह मुकाबले रोचक हो सकते हैं। इससे कई नेताओं के समीकरण बिगड़ सकते हैं। 
 

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