कुरुक्षेत्र में 100 करोड़ की महाठगी: रिटायर्ड फौजियों और प्रॉपर्टी डीलरों का पैसा लेकर भागी कंपनी
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालकों ने हरियाणा और पंजाब के 100 से अधिक निवेशकों के लगभग 100 करोड़ रुपये हड़प लिए। कंपनी ने निवेशकों को हर महीने 4 से 5 प्रतिशत ऊंचे ब्याज का लालच दिया था।
कंपनी कार्यालय में बैठे संचालक और कर्मचारी।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले से एक बड़े वित्तीय धोखाधड़ी (Financial Fraud) का मामला सामने आया है। एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालकों पर हरियाणा और पंजाब के 100 से अधिक निवेशकों के लगभग 100 करोड़ रुपये लेकर फरार होने का आरोप है। हैरान करने वाली बात यह है कि निवेशकों को फंसाने के लिए कंपनी ने हर महीने 4 से 5 प्रतिशत तक के ऊंचे और लुभावने ब्याज का लालच दिया था। इस कंपनी की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए साल 2023 में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के भाई अरबाज खान को भी प्रमोशन इवेंट के लिए कुरुक्षेत्र बुलाया गया था।
दिल्ली के निवासी राजेश जैन की शिकायत पर, पुलिस ने थानेसर सदर थाने में कंपनी के संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। अब मामले की जांच इकनॉमिक सेल को सौंपी गई है।
पहली कंपनी बंद कर नई खोली
शिकायतकर्ता राजेश जैन ने पुलिस को बताया कि इस कंपनी ने हरियाणा के साथ-साथ पंजाब के भी कई रिटायर्ड फौजी, प्रॉपर्टी डीलर और आम लोगों को अपना शिकार बनाया। राजेश जैन का आरोप है कि आरोपियों ने सिर्फ उनके और उनके परिवार के साथ ही करीब 3 करोड़ रुपये की बड़ी धोखाधड़ी की है। सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि ठगी करने के बाद अब आरोपियों ने अपनी पहली कंपनी को बंद कर दिया है और एक दूसरी नई कंपनी खोलकर दुबई में फ्लैट दिलाने के नाम पर लोगों से पैसा इन्वेस्ट करवा रहे हैं।
ऐसे फंसाए गए निवेशक
नई दिल्ली के ईस्ट कैलाश में रहने वाले राजेश जैन ने अपनी शिकायत में ठगी की पूरी कहानी सिलसिलेवार ढंग से बताई। राजेश जैन के अनुसार आरोपी रामशरण भारद्वाज, गौरव राणा और दिनेश मेहता ने साल 2022 में 'मेटा-फ' नाम की एक कंपनी रजिस्टर कराई थी। यह कंपनी प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट, शेयर मार्केट, क्रिप्टो माइनिंग और ब्रोकरेज जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने का दावा करती थी। निवेशकों को लुभाने के लिए इन्होंने 48 महीने की एक आकर्षक फिक्स डिपॉजिट स्कीम चलाई, जिसमें 4 से 6 प्रतिशत तक ब्याज का लालच दिया गया।
छोटे निवेश से बनाया गया विश्वास
राजेश जैन को एक जानकार के जरिए इस कंपनी के बारे में पता चला। उन्होंने शुरुआती जांच के लिए पहले 10 हजार रुपये इन्वेस्ट किए और उन्हें 4 प्रतिशत ब्याज के साथ 360 रुपये का फायदा मिला। विश्वास थोड़ा बढ़ा तो उन्होंने 10 लाख रुपये लगाए। एक महीने बाद ब्याज समेत ये पैसे भी वापस मिल गए। जब कंपनी ने लगातार ब्याज देना जारी रखा, तो जैन का विश्वास मजबूत हो गया।
मकान बेचकर किया 3 करोड़ का निवेश
विश्वास पुख्ता होने के बाद राजेश जैन ने एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने अपना मकान बेच दिया और उस राशि में से 67 लाख रुपये कंपनी में लगा दिए। इस बड़ी राशि पर कंपनी ने उन्हें हर महीने 6 प्रतिशत ब्याज देने का एग्रीमेंट किया।
इसके बाद, राजेश जैन ने अपने छोटे भाई अजय जैन, नीता जैन, विजय जैन, सुशील गोयल, सीमा गोयल, संतोष गोयल, आशु बंसल, कमल बंसल, अंकित और रिश्तेदारों के भी कंपनी में पैसे लगवा दिए। इस तरह, अकेले राजेश जैन और उनके परिवार ने 3 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश कर दिया।
फिर अचानक ब्याज देना बंद कर दिया
कंपनी ने शुरुआत में कुछ महीनों तक ब्याज दिया, लेकिन फिर अचानक ब्याज देना बंद कर दिया। दो महीने तक ब्याज न मिलने पर निवेशकों को शक हुआ।
राजेश जैन ने कंपनी से निवेश की गई जमीन के कागजात और डिटेल्स मांगी, लेकिन आरोपी टालमटोल करने लगे और बाद में उन्होंने फोन उठाना भी बंद कर दिया। जब निवेशक कंपनी के दफ्तर (कुरुक्षेत्र, चीका और करनाल) पहुंचे, तो उन्हें सभी जगह ताले लटके मिले और दफ्तर बंद मिला।
जाली कागजात और पुरानी धोखाधड़ी
छानबीन करने पर पता चला कि कंपनी के संचालक पहले से ही धोखाधड़ी के मामलों में शामिल रहे हैं। लाडवा और थानेसर सदर थाने में उनके खिलाफ धोखाधड़ी के अन्य केस भी दर्ज हैं। हाई कोर्ट में भी इस कंपनी के खिलाफ कई लोगों ने मिलकर केस डाला हुआ है। जैन ने पुलिस को बताया कि संचालकों ने सभी निवेशकों के साथ मिलकर लगभग 100 करोड़ रुपये की ठगी की है। अब ये आरोपी अपनी पिछली कंपनी को बंद करके, नई कंपनी के जरिए लोगों को दुबई में आकर्षक फ्लैट दिलाने का झांसा देकर पैसा इन्वेस्ट करवा रहे हैं।
पुलिस और इकनॉमिक सेल कर रही जांच
थानेसर सदर थाना के एडिशनल SHO विजय कुमार ने इस बात की पुष्टि की है कि राजेश जैन की शिकायत पर कंपनी के संचालकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। मामले की संवेदनशीलता और बड़ी राशि को देखते हुए इसकी जांच अब इकनॉमिक सेल को सौंप दी गई है।
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