कुरुक्षेत्र: राजनाथ सिंह बोले- भारत की शालीनता कमजोरी नहीं, 'ऑपरेशन सिंदूर' से दिया पहलगाम हमले का मुंहतोड़ जवाब

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ कर आतंकवाद पर भारत के कड़े रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र किया।

Updated On 2025-11-24 18:07:00 IST

गीता महोत्सव में बोलते रक्षामंत्री राजनाथ सिंह। 

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र पहुंचे और अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया। ब्रह्मसरोवर पर पूजन के बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता सेमिनार में उन्होंने देश की सुरक्षा नीति और आतंकवाद पर भारत के रुख पर महत्वपूर्ण बातें रखीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की शालीनता उसकी कमजोरी नहीं है, और देश ने इसका प्रमाण 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी कार्रवाई से दिया है। रक्षामंत्री ने यहीं से श्रीकृष्ण के संदेश को दोहराते हुए भारत की आत्मप्रतिबद्धता की घोषणा की।

पहलगाम हमले का बदला लिया हमने

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में अतीत के पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र किया, जब पर्यटन के लिए गए निर्दोष यात्रियों को धर्म पूछ कर मारा गया था। उन्होंने कहा कि इस घटना ने आज भी विचलित किया, लेकिन यह चुनौती आतंकियों को यह मान लेने पर मजबूर कर गई थी कि भारत की शांतिप्रियता उसकी कमजोरी है।

रक्षामंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत ने इस धारणा को 'ऑपरेशन सिंदूर' से बदल दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई केवल एक सैन्य गतिविधि नहीं थी, बल्कि भारत की आत्मप्रतिबद्धता और आत्म सम्मान की घोषणा थी। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया कि हम लड़ाई नहीं चाहते हैं, लेकिन यदि हमें मजबूर किया गया तो भारत लड़ाई से भागता नहीं है, बल्कि माकूल जवाब भी देता है। इस कार्रवाई की चर्चा दुनियाभर में हुई।

श्रीकृष्ण के संदेश का किया पालन

राजनाथ सिंह ने कुरुक्षेत्र की इस पावन भूमि से भगवान श्रीकृष्ण और गीता के संदेश को दोहराया। उन्होंने कहा कि आतंकी भूल गए थे कि भारत गीता का देश है, जहां करुणा भी है और धर्म की रक्षा की प्रेरणा भी।

उन्होंने समझाया कि यदि शांति के ताप को जीवित रखना है तो उसके भीतर शक्ति का ताप अनिवार्य है। निर्दोषों की रक्षा करनी है तो बलिदान देने का साहस भी उतना ही आवश्यक है। रक्षामंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को यही समझाया था कि युद्ध बदले की भावना या महत्वाकांक्षा के लिए नहीं, बल्कि धर्म की स्थापना के लिए लड़ा जाना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने श्रीकृष्ण के इसी संदेश का पालन किया। उन्होंने जोर दिया कि धर्म की रक्षा केवल प्रवचन से नहीं होती, उसकी रक्षा कर्म से होती है, और ऑपरेशन सिंदूर वही धर्म युक्त कर्म था। इस कर्म से भारत ने यह जवाब दिया कि वह आतंकवाद के विरुद्ध लड़ेगा और किसी भी सूरत में कमजोर नहीं पड़ेगा।

गीता महोत्सव का विधिवत शुभारंभ

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मसरोवर पर गीता यज्ञ में पूर्णाहुति डालकर पूजा-अर्चना की। उन्होंने हरियाणा पवेलियन के साथ-साथ ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में मध्य प्रदेश पवेलियन और राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसके अलावा, उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के श्रीमदभगवद्गीता सदन में 3 दिन चलने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता सेमिनार का भी शुभारंभ किया।

इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम को देखते हुए पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात रहा। इस दौरान रक्षा मंत्री को हरियाणवी पगड़ी भी बांधी गई। कल, 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ज्योतिसर में श्री गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित समागम में शिरकत करेंगे, जिसके लिए 155 एकड़ में विशाल पंडाल तैयार किया गया है।

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