करनाल में सिख सम्मेलन: हरियाणा की राजनीति में सिखों की एकता के लिए जुटे लोग, विधानसभा चुनाव में दिखेगा असर
Karnal Sikh Conference: करनाल में रविवार को सिख सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन का उद्देश्य सिख समाज की एकता, पहचान और अधिकारों को स्थपित करना था।
Karnal Sikh Conference: हरियाणा के करनाल में 8 सितंबर को सिख सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में सिख समुदाय के लोग भारी संख्या में एकजुट हुए थे। यह सम्मेलन ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नेतृत्व में हरियाणा की राजनीति में सिखों की एकता के लिए आयोजित किया गया था। यहां पर मंच से हरप्रीत सिंह ने सिखों की ताकत बयां करते हुए कहा कि सिख समुदाय की दाढ़ी और दस्तार से नफरत करने वालों को याद रखना चाहिए, क्योंकि ये लंबी दाढ़ी और पगड़ी नहीं होती, तो आज पाकिस्तान की सीमा अटारी नहीं बल्कि दिल्ली होती।
जानें क्या था सम्मेलन का उद्देश्य
इस सम्मेलन की घोषणा करते हुए कहा गया था कि लाखों की संख्या में सिख संगत गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्र छाया में एकत्रित होकर गुरबाणी कीर्तन, कथा विचार, दाढ़ी वारों और पंथक विचारों को श्रवण करेगी। इस ऐतिहासिक सिख सम्मेलन का उद्देश्य हरियाणा के सिख समाज की एकता, पहचान और अधिकारों को स्थापित करना था।
प्रतिनिधियों ने की सहयोग की अपील
इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि सिख समुदाय की एकता और अधिकारों की आवाज को बढ़ावा देने के लिए आयोजित इस सम्मेलन में फ्री मेडिकल कैंप और रक्तदान शिविर भी लगाया जाएगा और सम्मेलन के दौरान यह शिविर लगाए भी गए।
वहीं, दूसरी तरफ राज्य में राजनीतिक पार्टियों के बीच उथल-पुथल जारी है। बीजेपी और काग्रेस की विधानसभा चुनाव को लेकर जैसे ही उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होती, तो कई नेता पार्टी को छोड़ बागी हो जाते हैं। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सिख समुदाय का यह सम्मेलन बहुत ही अहम भूमिका निभा सकता है, क्योंकि हरियाणा में कुछ ऐसे इलाके हैं जहां सिख समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है।