अवैध नशामुक्ति केंद्र का भंडाफोड़: कैथल में एक साल से बिना अनुमति चल रहे नशा मुक्ति केंद्र से छुड़ाए 35 मरीज, यातनाएं देकर बना रखे थे बंधक
हरियाणा के चीका में पंजाब बॉर्डर पर अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्र पर एसडीएम ने छापा मारा। यहां गंभीर यातनाओं से गुजर रहे 35 मरीजों को छुड़वाकर सिविल अस्पताल भेजा गया।
कैथल के चीका से अवैध नशा मुक्ति केंद्र से 35 मरीजों को बचाकर सिविल अस्पताल भेजा गया।
अवैध नशामुक्ति केंद्र का भंडाफोड़ : हरियाणा के कैथल जिले के गुहला चीका में एक अवैध नशा मुक्ति केंद्र का भंडाफोड़ हुआ है। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित अजीमगढ़ गांव में बिना किसी अनुमति के यह केंद्र चलाया जा रहा था। एसडीएम गुहला कैप्टन प्रमेश सिंह द्वारा की गई छापेमारी के दौरान अनेक कमियां सामने आईं। छापे के समय केंद्र में करीब 35 लोगों को जबरन बंधक बनाकर रखा गया था, जिन्हें मौके पर ही पुलिस और प्रशासन द्वारा रेस्क्यू कर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आपत्तिजनक सामान के साथ दो गिरफ्तार
यह कथित नशा मुक्ति केंद्र पिछले एक साल से धड़ल्ले से चल रहा था और वहां बंधक बनाए गए लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था। उन्हें शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जा रही थीं। मौके से नशा और प्रतिबंधित दवाइयां भी बरामद की गईं। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और गुहला थाने में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस चेकपोस्ट से 200 मीटर दूर होता रहा अत्याचार
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह अवैध केंद्र हरियाणा पुलिस की चेकपोस्ट से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्टेट हाईवे के किनारे चल रहा था। प्रशासन की नाक के नीचे लंबे समय से संचालित हो रहे इस केंद्र में ज्यादातर पीड़ित पंजाब राज्य के निवासी हैं। पीड़ितों ने बताया कि उन्हें इलाज के नाम पर लाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें बाहर जाने नहीं दिया गया और लगातार शोषण किया जाता रहा।
इलाज के नाम पर मरीजों से की जाती थी मारपीट
प्रशासन ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। एसडीएम गुहला की यह कार्रवाई प्रशासनिक लापरवाही पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है, वहीं स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर भी संदेह जताया जा रहा है। फिलहाल पीड़ितों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है और मामले की गहन जांच जारी है। एसडीएम कैप्टन प्रमेश सिंह ने बताया कि मिली सूचना के आधार पर उन्होंने नशा मुक्ति केद्र पर छापा मारा जो बिना अनुमति के चलाया जा रहा था। केंद्र की स्थिति काफी दयनीय थी। मरीजों के साथ मारपीट करने के अलावा यातनाएं भी दी जाती थीं। इसमें से 35 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। अवैध केंद्र चलाने वाले तीन व्यक्तियों को नामजद किया है।
तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
थाना प्रभारी गुहला सुनील कुमार ने बताया कि जिला नारकोटिक्स अधिकारी डॉ. नवराज सिंह की शिकायत पर तीन व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें सेंटर संचालक प्रिंस, कुक गौरव तथा मकान मालिक ईश्वर शामिल हैं।
सरकारी मान्यता प्राप्त केंद्र पर ही इलाज के लिए जाएं
हरियाणा में सरकारी, अर्ध सरकारी व निजी क्षेत्र में करीब 130 नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं। यहां पर सरकारी नियमों के तहत मरीजों का इलाज किया जाता है। वहीं, सरकार की 46 और केंद्र खोलने की योजना है। सभी जिला अस्पतालों में नशे से मुक्ति दिलवाने का प्रस्ताव है। ऐसे में मरीजों के परिजनों को भी दाखिल करवाने से पहले मान्यता के बारे में जरूर पता कर लेना चाहिए।