करनाल में पराली का स्टॉक आग से जकर स्वाहा: 20 लाख से अधिक का नुकसान, मांगा मुआवजा
गांव अकबरपुर में गांठ बनाने के लिए जमा किए गए पराली के स्टॉक में आग लग गई। जिससे करीब 20 लाख का नुकसान हो गया। अभी आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
करनाल के अकबरपुर गांव में जमा पराली में लगी आग का दृश्य।
हरियाणा में करनाल के गांव अकबरपुर में गांठ बनाने के लिए जमा की गई परॉली के स्टॉक में अचानक आग लग गई। आग तेजी से फैली और करीब 600 एकड़ में में जमा किया गया 12 हजार क्विंटल पराली का स्टॉक देखते ही देखते आग में तब्दील हो गया। पराली सूखी होने के कारण पूरा स्टॉक आग बुझाने तक राख में तब्दील हो गया। आगजनी की इस घटना से किसान को करीब 20 लाख का नुकसान होने का अनुमान है। किसान ने आग से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से मुआवजा देने की मांग की है।
सरकार को पराली की गांठ बेचता था पालाराम
जानकारी के अनुसार गांव अकबरपुर निवासी नंबरदार पालाराम सरकार को पराली की गांठ बनाकर बेचता था। इस साल भी पालाराम ने खेतों में गांठ बनाने के लिए करीब 600 एकड़ में करीब 12 हजार क्विंटल पराली जमा की हुई थी। शुक्रवार रात अचानक उस स्टॉक में आग भड़क गई और आग ने कुछ ही पलों में पूरे ढेर को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें उठती देख आस-पास के किसानों में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस व अग्निशमन विभाग को सूचना दी। रात्रि के लगभग 12 बजे पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं, लेकिन तब तक पाराली पूरी तरह जल चुकी थी। ग्रामीणों ने भी आग बुझाने में मदद की, परंतु सूखी पाराली के कारण लपटें फैलती चली गईं।
इस बार रिफाइनरी से नहीं मिली डिमांड
पालाराम ने बताया कि वह फसल कटाई के बाद वह पिछले दो सालों से बचे अवशेषों से पाराली की गांठें बनाकर सरकार को बेचता है। जिसके लिए उसने करीब 12 हजार क्विंटल पराली जमा की हुई थी। इस बार अभी तक रिफाइनरी व किसी संस्था से डिमांड नहीं आई। यूपी की कुछ शूगर मिलों में थोड़ा बहुम माला गया था तथा बाकी खेतों में स्टॉक किया हुआ था। जहां स्टॉक लगा हुआ था वहां न तो बिजली की तारें थीं और न ही कोई ऐसी वस्तु जिससे स्वतः आग लग सके। ऐसे में यह किसी शरारती तत्व की हरकत हो सकती है। आग कैसे लगी फिलहाल वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। आगजनी की इस घटना से उसकी पूरी जमा पूंजी पराली के साथ आग में स्वाहा हो गई। पालाराम ने प्रशासन और सरकार से मुआवजे की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह उसकी साल भर की मेहनत और पूंजी का अंत है, इसलिए सरकार उसकी आर्थिक सहायता करे, ताकि वह फिर से खेती में खड़ा हो सके।
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