Army sports quota recruitment: कोरोना में मजदूर पिता को खोया, अब खेल के दम पर सेना में बना हवलदार

हरियाणा के जींद से यह कहानी है जज्बे की। तमाम मुश्किलों के बावजूद गरीब मजदूर परिवार के बेटे ने हिम्मत नहीं हारी। अपने खेल के दम पर उसने सेना में जगह बनाई।

Updated On 2025-08-29 08:10:00 IST

जींद के थुआ में सेना में चयनित हुए सचिन को सम्मानित करते ग्रामीण।

Army sports quota recruitment : हरियाणा के जींद जिले के गांव थुआ का एक साधारण मजदूर परिवार आज गर्व से सिर ऊंचा किए खड़ा है। इसी परिवार का बेटा सचिन, जिसने बचपन में गरीबी देखी, पिता को कोरोना महामारी में खो दिया और तमाम संघर्षों के बीच रोइंग खेल की राह चुनी। आज सचिन ने भारतीय सेना में खेल कोटे के जरिये सीधे हवलदार पद पर नियुक्ति पाई है। यह उपलब्धि न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।

गांव थुआ में सम्मान समारोह

गांव थुआ के शहीद मेमोरियल खेल व अध्ययन केंद्र में रविवार को सचिन के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर गांव के बच्चों, खिलाड़ियों और ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर सुनील थुआ ने की। उन्होंने कहा कि मजदूरी कर परिवार चलाने वाला यह परिवार आज देश की सेना को हवलदार के रूप में जांबाज खिलाड़ी दे रहा है, यह सबके लिए प्रेरणा है।

कोरोना काल में 2021 में हुआ था पिता का निधन

सचिन के पिता का निधन कोरोना काल में वर्ष 2021 में हो गया था। उस समय परिवार पर गहरा आर्थिक संकट छा गया, लेकिन सचिन ने हिम्मत नहीं हारी। गांव के ही प्रशिक्षक अनील फौजी और अशोक के मार्गदर्शन में उन्होंने खेल की बुनियादी ट्रेनिंग शुरू की। इसके बाद सचिन ने अपनी खेल यात्रा को सर छोटू राम खेल अकादमी, निर्जन में कोच सूबेदार चांद चहल की देखरेख में आगे बढ़ाया। चांद चहल ने उनकी प्रतिभा को निखारा और राष्ट्रीय स्तर पर उतारने में अहम भूमिका निभाई।

एशियन चैंपियनशिप में भी जीत चुके गोल्ड

सचिन की मेहनत और लगन रंग लाई। उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल, कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में मेडल हासिल किए। अभी हाल ही में 19 से 23 अगस्त को श्रीनगर में आयोजित खेलो इंडिया गेम्स में अपनी टीम के साथ सिल्वर मेडल जीतकर प्रदेश और जिले का नाम रोशन किया।

ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी परचम लहराया

वर्तमान में सचिन लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, फगवाड़ा के छात्र हैं और ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी रोइंग खेल में पदक जीत चुके हैं। उनकी इस उपलब्धि ने प्रदेश की खेल नर्सरी की पहचान को और मजबूत किया है। गांव थुआ में आयोजित सम्मान समारोह में जिला पार्षद प्रदीप, सरपंच कुलदीप, सुरेश क्रीड़ा, सुरेंद प्रधान, अशोक, दिनेश प्रवीण मास्टर, कृष्ण, राजबीर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने सचिन की सफलता को गरीब परिवारों के बच्चों के लिए प्रेरणा बताया।

सचिन बना गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा

गांव की डीपीई पिंकी देवी और कोच बलराम ने कहा कि सचिन ने साबित कर दिया कि अगर जज्बा सच्चा हो तो हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, सपनों को मंज़िल तक पहुंचाया जा सकता है। सचिन की भारतीय सेना में हवलदार पद पर भर्ती से जहां उनका परिवार गौरवान्वित है, वहीं पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। मजदूरी से जीवन गुजारने वाला परिवार अब अपने बेटे की सफलता की मिसाल देकर समाज में प्रेरणा जगाने का काम कर रहा है।

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