Hisar Water Crisis : 10 दिन का पानी शेष, अब एक दिन छोड़कर मिल रहा..., टैंकर सप्लाई भी बंद, मेयर ने बुलाई आपात बैठक   

बालसमंद ब्रांच से भाखड़ा नहर का प्रवाह रुकने के बाद अब नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) के पास पानी बचाने और बांटने की चुनौती है।

Updated On 2025-05-01 11:31:00 IST
हिसार की बालसमंद नहर में सूखा पानी।

Hisar Water Crisis : तपती गर्मी और पानी की भारी किल्लत, ये दो शब्द इस समय हरियाणा के हिसार में हर व्यक्ति की जुबान पर हैं। शहर के जलघरों में अब सिर्फ 10 दिन का पानी बचा है और नहरों में तो पानी आना बंद हो गया है। 20 मई तक की नहरबंदी ने शहर में पानी की आपूर्ति को पूरी तरह ठप कर दिया है। बालसमंद ब्रांच से भाखड़ा नहर का प्रवाह रुकने के बाद अब नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) के पास पानी बचाने और बांटने की चुनौती है।

पानी अब एक दिन छोड़कर एक दिन, वो भी आधे घंटे... 

पब्लिक हेल्थ विभाग ने ऐलान किया है कि अब शहर में एक दिन छोड़कर एक दिन ही पानी की सप्लाई होगी। उस दिन भी सिर्फ एक बार, वो भी आधा या अधिकतम एक घंटा। इसका मतलब है कि अब दो दिन में एक बार ही नल में पानी की टपकती धार नजर आएगी। जल संकट के इस दौर में कई कॉलोनियों और सेक्टरों में हाहाकार मच गया है।

ठेकेदार ने भुगतान न मिलने के चलते टैंकर सप्लाई रोकी 

अब तक जिन सेक्टरों में पानी की आपूर्ति टैंकरों से की जा रही थी, वहां भी अब निराशा ही हाथ लग रही है। HSVP द्वारा नियुक्त टैंकर ठेकेदार ने भुगतान न मिलने के चलते सप्लाई रोक दी है। हर दिन लगभग 150 घरों में पानी पहुंचाने वाला ठेकेदार अब अपने 20 लाख रुपये के बकाया बिल को लेकर खफा है। HSVP की ओर से कुछ भुगतान किए गए हैं, लेकिन पूरे पैसे न मिलने के कारण टैंकर सेवा ठप हो चुकी है।

मेयर ने बुलाई आपात बैठक, पर जनता में बढ़ रही बेचैनी

गुरुवार को नगर निगम के मेयर प्रवीण पोपली ने डीसी और संबंधित विभागों की आपात बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में जल संकट से निपटने के लिए जरूरी रणनीति पर चर्चा की जाएगी, लेकिन जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सड़कों पर पानी के लिए झगड़े, बूंद-बूंद को तरसते लोग, ये दृश्य अब आम हो चले हैं।

पुराने शहर के कुछ हिस्सों में महज 4 से 5 दिन का पानी बचा 

शहर में HSVP और जनस्वास्थ्य विभाग के विभिन्न जलघरों में पानी की मात्रा का अनुमान लगाया गया है। सेक्टर 1-4, सेक्टर 14 और तोशाम रोड स्थित जलघरों में केवल 10 दिन तक की सप्लाई लायक पानी बचा है। पुराने शहर के कुछ हिस्सों में यह मात्रा महज 4 से 5 दिन की है। अब पानी की हर बूंद को बेहद सहेजकर बांटने की योजना बनाई जा रही है।

सेक्टर-3 के जलघर में स्टोरेज टैंक की क्षमता बढ़ाने की मांग 

सेक्टर 1-4 की एसोसिएशन ने सेक्टर-3 के जलघर में स्टोरेज टैंक की क्षमता बढ़ाने की मांग की है। बताया गया है कि सेक्टर 3 स्थित HSVP जलघर से सेक्टर 3, 5, 1-4, जिंदल हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ग्लोबल स्पेस और MGA आदि को सप्लाई दी जाती है। वर्तमान में वहां सिर्फ दो टैंक हैं, जिनकी क्षमता बढ़ाना अब बेहद जरूरी हो गया है।

जनता की नाराजगी अब सड़कों पर

हिसार शहर की जनता अब सरकार और प्रशासन से सवाल कर रही है- हम पानी के लिए कब तक तरसेंगे? क्या साल 2025 में भी पानी की इतनी दुर्दशा होगी? जनता की नाराजगी अब सड़कों तक पहुंचने लगी है। जगह-जगह प्रदर्शन, नारेबाजी और अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश दिख रहा है।

सवालों के घेरे में सरकार और विभाग

नहरबंदी की पहले से जानकारी होने के बावजूद कोई वैकल्पिक योजना क्यों नहीं बनाई गई। HSVP और जनस्वास्थ्य विभाग के बीच तालमेल की कमी क्यों है। 
जनता को सूचना देने में इतनी देरी क्यों हुई। टैंकर सप्लाई का पेमेंट समय पर क्यों नहीं किया गया। इन तमाम सवालों के जवाब अब विभागों और नेताओं से मांगे जा रहे हैं।

ये हैं संभावित समाधान
  • स्टोरेज क्षमता बढ़ाना : जल्द से जल्द जलघरों में स्टोरेज क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि संकट के समय में कुछ राहत मिल सके।
  • वाटर रीसाइक्लिंग : सेक्टर और कॉलोनियों में जल पुनर्चक्रण यूनिट लगाने का सुझाव सामने आया है। 
  • निजी टैंकरों को अनुमति : सरकार को चाहिए कि वह निजी टैंकरों को अधिकृत कर सप्लाई फिर से चालू करवाए। 
  • जन-जागरूकता अभियान : पानी की बचत को लेकर आम जनता के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। 

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