हिसार : ऐतिहासिक अग्रोहा टीले में लगी आग, ग्रामीणों ने बुझाने की कोशिश की, खुदाई में मिला मानव कंकाल

आग की खबर मिलते ही प्रशासन, दमकल विभाग और आसपास के गांवों से मदद के लिए टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया।

Updated On 2025-04-27 15:41:00 IST
हिसार में आग बुझाने का प्रयास करते ग्रामीण।

ऐतिहासिक अग्रोहा टीले में लगी आग : हरियाणा के हिसार जिले के ऐतिहासिक अग्रोहा टीले के जंगल में रविवार को लगी भीषण आग ने पूरे क्षेत्र में सनसनी मचा दी। आग उस समय लगी जब पुरातत्व विभाग द्वारा पिछले 45 दिनों से चल रही खुदाई के काम में तेजी लाई गई थी। आग की खबर मिलते ही प्रशासन, दमकल विभाग और आसपास के गांवों से मदद के लिए टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया। लेकिन तेज हवाओं के चलते आग बुझाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अगर आग पर जल्दी काबू नहीं पाया गया, तो पास स्थित मेडिकल कॉलेज और मंदिर परिसर तक आग पहुंचने का खतरा था, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हो सकता था।

ग्रामीणों की मदद और राहत कार्य में संकट

अग्रोहा थाना प्रभारी के अनुसार, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन वहां पहुंचने के रास्ते में कठिनाइयां आ रही हैं। आसपास के गांवों में ऐलान कर दिया गया है और सभी ग्रामवासी ट्रैक्टरों से टैंकर में पानी भरकर आग बुझाने के प्रयास में जुटे हुए हैं। कई ग्रामीण तसले में मिट्टी भरकर आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। राहत कार्य में लगे लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आग जल्दी बुझाई जा सके, ताकि कोई बड़ा नुकसान न हो। 

खुदाई के दौरान मानव कंकाल की खोज

इसी टीले पर पिछले कुछ समय से पुरातत्व विभाग की टीम खुदाई कर रही थी और शनिवार को खुदाई के दौरान एक मानव कंकाल की खोपड़ी मिली थी। यह कंकाल टीले की सबसे ऊपरी परत में पाया गया था, जिससे माना जा रहा है कि यह बहुत पुराना नहीं हो सकता। पुरातत्व विभाग ने इस कंकाल की जांच के लिए उसे लैब में भेजने का निर्णय लिया है ताकि यह पता चल सके कि यह कंकाल किस उम्र के व्यक्ति का था और उसकी मृत्यु के कारण क्या थे।

टीले पर चल रही खुदाई के दौरान अब तक कई महत्वपूर्ण अवशेष भी मिले हैं, जिनमें कमल पुष्प और अन्य आकृतियों वाले पत्थर, पुरातन इमारतों की दीवारें, मिट्टी की हांडियां, भवनों के अवशेष और सीढ़ियों के अवशेष शामिल हैं। इसके अलावा मिट्टी के खिलौने भी मिले हैं, जो इस स्थल की प्राचीनता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं।

पुरातत्व विभाग की तरफ से मिली जानकारी

चंडीगढ़ सर्कल के पुरातत्व निदेशक कामेई अथोइलू काबुई के अनुसार, खुदाई में चौथी से 14वीं शताब्दी तक के अवशेष मिले हैं। इस खुदाई से कुछ प्राचीन और ऐतिहासिक संरचनाओं का भी पता चला है, जिनमें बौद्ध स्तूप और एक हिंदू मंदिर शामिल है। इसके अलावा, 4 इंडो-ग्रीक, 1 पंच-मार्क और 51 अन्य सिक्कों सहित सिक्कों का संग्रह भी प्राप्त हुआ है। इन सिक्कों का संबंध रोमन, कुषाण, यौधेय और गुप्त साम्राज्य से है, और इन पर प्राकृत भाषा का प्रयोग किया गया था। अब तक 7,000 से अधिक कलाकृतियां बरामद हो चुकी हैं, जिनमें पत्थर की मूर्तियाँ, लोहे और तांबे के उपकरण, और अर्ध-कीमती पत्थरों से बने मोती भी शामिल हैं।

अग्रोहा टीला: एक ऐतिहासिक धरोहर

इस साइट से मिले अवशेष यह संकेत देते हैं कि अग्रोहा का टीला प्राचीन काल में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र रहा होगा। यह स्थल प्राचीन काल के विभिन्न साम्राज्यों का समागम स्थल था, और अब पुरातत्व विभाग की जांच से यह पता चला है कि यहां के लोग विविध संस्कृतियों और धर्मों का पालन करते थे। जैसे-जैसे खुदाई जारी रहती है, इस स्थल से और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होने की संभावना है, जो इसे जल्द ही विश्व धरोहर स्थल के रूप में पहचान दिला सकती है।

कुल मिलाकर, अग्रोहा टीले की खुदाई न केवल इस क्षेत्र के इतिहास को उजागर कर रही है, बल्कि इसने पर्यटकों और शोधकर्ताओं का ध्यान भी आकर्षित किया है। यह स्थल अब तक की खुदाई में मिले अवशेषों के आधार पर दुनिया भर में एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में स्थापित हो सकता है, जो प्राचीन भारतीय सभ्यता के महत्व को और भी स्पष्ट करता है। 

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