460 पाकिस्तानी : हरियाणा छोड़ने की डेडलाइन आज शाम 6 बजे, फिर जबरन निकाले जाएंगे, मेडिकल वीजा वाले भी नहीं बख्शे जाएंगे

460 पाकिस्तानी : हरियाणा में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के लिए आज का दिन निर्णायक है। रविवार शाम 6 बजे की डेडलाइन पूरी होते ही प्रदेश में एक्शन का दौर शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया था कि जो पाकिस्तानी नागरिक खुद से नहीं जाएंगे, उन्हें जबरन निकाला जाएगा। पुलिस और CID की टीमें पूरे राज्य में सक्रिय हो चुकी हैं। सरकार के पास 460 पाकिस्तानी नागरिकों की सूची है- जिन पर अब कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
460 नामों की लिस्ट सरकार के पास, रेड की तैयारी पूरी
गृह विभाग और CID को इस अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। खास बात यह है कि इन 460 लोगों में से ज्यादातर वे हैं, जो 25 से 30 साल से हरियाणा में रह रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों की है, जिन्होंने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया था- लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ। इन नागरिकों के ठिकानों की पहचान पहले ही कर ली गई है। शाम 6 बजे के बाद इन स्थानों पर पुलिस दस्तक दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक, जिन नागरिकों के पास वैध वीजा नहीं है या जिनका वीजा रद्द हो चुका है, उन्हें सीधे दिल्ली के पाकिस्तानी शरणार्थी कैंप में भेजा जाएगा।
फरीदाबाद में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक
हरियाणा में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक फरीदाबाद में रह रहे हैं- कुल 214। यहां की पुलिस ने शनिवार को फ्लैग मार्च भी निकाला और लोगों को सरकार की योजना के बारे में जानकारी दी। फरीदाबाद के चार पाकिस्तानी नागरिक- जो मेडिकल वीजा पर अस्पताल में इलाज करवा रहे थे, उन्हें भी तुरंत लौटने का अल्टीमेटम दे दिया गया है।
मोहाली से भी दी गई सख्त चेतावनी
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मोहाली दौरे के दौरान मीडिया को दिए बयान में कहा, "हमने अधिकारियों को सख्त निर्देश दे दिए हैं — कोई भी पाकिस्तानी नागरिक अगर वीजा के बावजूद हरियाणा में रुका हो, तो उसे पकड़कर वापस भेजा जाए। सैनी का यह बयान साफ संकेत था कि राज्य में इस मुद्दे पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
केंद्र से मिला है सीधा आदेश
यह कार्रवाई अचानक नहीं है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से जुड़े सभी वीजा मामलों की समीक्षा शुरू की थी। गृह मंत्री अमित शाह ने खुद सीएम सैनी से बात कर हरियाणा में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों की स्थिति पर कड़ा कदम उठाने को कहा था। इसके बाद ही राज्य सरकार ने पाकिस्तानियों की पहचान शुरू की और एक तय डेडलाइन देकर खुद देश छोड़ने की मोहलत दी।
किन्हें मिलेगा छूट का लाभ
हरियाणा सरकार की ओर से कुछ श्रेणियों को वतन वापसी की कार्रवाई से अस्थायी राहत दी गई है। इनमें शामिल हैं- जिनके पास लांग टर्म वीजा, राजनयिक या आधिकारिक वीजा है। जिनके पास SAARC वीजा, वीजा ऑन अराइवल, बिजनेस वीजा, फिल्म वीजा, पत्रकार वीजा, कॉन्फ्रेंस वीजा, छात्र वीजा, पर्यटक वीजा, तीर्थ वीजा आदि हैं। मेडिकल वीजा पर आए नागरिकों को 29 अप्रैल तक की छूट मिली है, लेकिन हरियाणा सरकार इस पर भी सख्ती बरत रही है।
हिसार से 15 लोगों का परिवार भेजा गया दिल्ली कैंप
हिसार में रह रहे एक 15-सदस्यीय पाकिस्तानी परिवार को पहले ही दिल्ली के शरणार्थी कैंप भेजा जा चुका है। यह परिवार लंबे समय से वीजा विस्तार का इंतजार कर रहा था। अब वहां से इन्हें अगली प्रक्रिया के तहत पाकिस्तान भेजने की योजना है।
पाकिस्तानी हिंदू अल्पसंख्यकों की नागरिकता का मामला अधर में
460 में से अधिकांश पाकिस्तानी नागरिक हिंदू हैं, जो भारत में स्थायी रूप से बसना चाहते हैं। इन्होंने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर रखा है, लेकिन अफसरशाही और सुरक्षा जांच के बीच मामला अधर में लटका हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन नागरिकों के लिए स्थायी समाधान केंद्र सरकार को तलाशना होगा, क्योंकि इनमें से कई के बच्चे यहीं पैदा हुए हैं और वे भारतीय समाज का हिस्सा बन चुके हैं।