फसलों पर मौसम की मार: ओलावृष्टि से आलू, टमाटर, सरसों की फसल बर्बाद, गेहूं व बागवानी का सर्वे शुरू 

फतेहाबाद में ओलावृष्टि के कारण सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई। फसलों को हुए नुकसान के कारण किसानों को भी आर्थिक हानि का सामना करना पड़ेगा।

Updated On 2024-12-28 19:46:00 IST
फतेहाबाद में ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलें।

फतेहाबाद: क्षेत्र में ओलावृष्टि से आलू, टमाटर व सब्जियों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। हरे चारे को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि जहां ओलावृष्टि नहीं हुई, वहां गेहूं की फसल के लिए बरसात काफी फायदेमंद बताई जा रही है। किसान पहले सिंचाई कर चुके थे, फिर बरसात हुई, बरसात तो फसलों के लिए अच्छी थी, लेकिन ओलावृष्टि (Hail Storm) से नुकसान हुआ। इससे खेतों में पानी भर गया और गेहूं के छोटे पौधे मिट्टी में दब गए। हालांकि किसानों को उम्मीद है कि कुछ दिनों में गेहूं में दोबारा फुटाव होगा और फसल बच जाएगी।

इन गांवों में हुई भारी ओलावृष्टि

बता दें कि गांव धांगड़, सालमखेड़ा, भिरडाना, झलनिया, बड़ोपल, धारनिया, माजरा आदि दर्जनभर गांवों में शुक्रवार को भयंकर ओलावृष्टि हुई। किसानों का कहना है कि इससे पहले कभी भी इतनी भारी ओलावृष्टि फतेहाबाद और आसपास नहीं हुई। सरसों के खेतों में पौधे बड़े होने लगे थे और पीली होती जा रही सरसों इन ओलों की मार से जमीन पर टूट कर बिछ गई, जिस कारण सरसों उत्पादक किसानों की मेहनत पर ओले पड़े हैं। गांव सालमखेड़ा और भिरडाना क्षेत्र में आलू, मूली, गोभी आदि सीजनल सब्जियां किसानों ने उगा रखी थी, जो ओले गिरने से पूरी तरह नष्ट हो गई।

क्षेत्र में 25 साल का टूटा रिकॉर्ड

फतेहाबाद में दिसंबर माह में बारिश का 25 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। जिले में 24 घंटे में औसतत 20 एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के रिकॉर्ड अनुसार 2017 में दिसंबर माह में 8 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। वर्ष 1989 में 10 दिसंबर को 24 घंटे में 100 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। किसानों का कहना है आलू की पौधे अभी तैयार हो रही थी और ओलों से पूरी क्यारियां सफेद हो गई। जब यह ओले पिघले तो क्यारियां पानी से भर गई, जिससे जमीन के अंदर पैदा हो रहे आलू खराब हो गए। वे रात से अपने खेत में क्यारियां तोड़कर पानी निकलवा रहे हैं, ताकि कुछ हद तक फसल बच सके।

पश्चिमी विक्षोभ के खत्म होते ही छाएगी धुंध

एचएयू मौसम विभाग हिसार के अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के खत्म होते ही रविवार से अलसुबह धुंध का प्रकोप शुरू हो जाएगा। इसके बाद पहाड़ों की तरफ से आ रही उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने से तापमान में गिरावट आएगी। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ सकती है। 29 दिसंबर से हवा की दिशा बदलकर पूर्व से उत्तर-पश्चिम हो जाएगी। ऐसे में पहाड़ों की तरफ से हवा बहकर मैदानी इलाकों में प्रवेश करेगी। इससे दिन और रात दोनों के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के चलते 29 दिसंबर से पूरे प्रदेश में सुबह के समय कोहरा छाने की संभावना है। इससे सुबह के समय गाड़ी चलाने में भारी परेशानी होगी।

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