फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला: नाबालिग को भगाकर दुराचार करने वाले युवक को 20 साल कैद
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने नाबालिग को भगाकर दुराचार करने वाले युवक को 20 साल कैद की सजा सुनाई। पीड़िता को मुआवजे के तौर पर 1.60 लाख रुपये भी देने का कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
हाशिम बाबा, सलीम पिस्टल और जोया को राउज एवेन्यू कोर्ट ने किया बरी।
फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला : हरियाणा के फतेहाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट (पॉक्सो) ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगाने और दुष्कर्म करने के मामले में कड़ी सजा सुनाई है। एक युवक को दोषी ठहराते हुए उसे 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा दी गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित गर्ग की अदालत ने आरोपी पर 2 लाख 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से 1 लाख 60 हजार की राशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी।
नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़िता के पिता ने थाना शहर फतेहाबाद में शिकायत दी कि उनकी नाबालिग बेटी को अशोक कुमार उर्फ धोलू निवासी रतिया बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। महिला अनुसंधानकर्ता ने तत्परता से जांच करते हुए आईपीसी की धारा 363, 366ए, 34 के तहत मामला दर्ज किया। इस मामले में पुलिस ने 25 फरवरी 2023 को लड़की को बरामद कर न्यायालय में धारा 164 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज करवाए। पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले में धारा 376(2)(एन), 376(3) आईपीसी एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 4(2), 6 जोड़ी गई।
2 मार्च को हुई थी आरोपी की गिरफ्तारी
आरोपी को 2 मार्च को गिरफ्तार कर पूछताछ में शामिल किया गया और 5 मई को पुलिस ने अंतिम चालान अदालत में पेश किया। मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में विचाराधीन रहा, जहां अभियोजन पक्ष ने पर्याप्त साक्ष्य और गवाहों के चलते आरोपी पर दोष साबित हुए। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया और कठोर सजा सुनाई गई। पुलिस अधीक्षक सिद्धांत जैन ने बताया कि यह फैसला फतेहाबाद पुलिस की तत्परता, वैज्ञानिक ढंग से जुटाए गए ठोस साक्ष्यों और अभियोजन पक्ष की प्रभावशाली पैरवी का परिणाम है। उन्होंने बताया कि जिला न्यायवादी देवेंद्र मित्तल और सरकारी वकील नवीन कुमार ने अदालत में सशक्त तरीके से पक्ष प्रस्तुत किया।