भ्रष्टाचार पर वार: ड्रग लाइसेंस बनाने के नाम पर चल रहा रिश्वत का खेल, 16 हजार लेते पकड़ा
हरियाणा में ड्रग लाइसेंस बनवाने के नाम पर रिश्वत के खेल चल रहा था। फरीदाबाद में 16 हजार रुपये रिश्वत लेते सहायक को पकड़ा गया। अब यह देखना है कि इस जाल में और कितनी मछलियां फंसती हैं।
फरीदाबाद में ड्रग लाइसेंस बनवाने के नाम पर रिश्वत लेते पकड़ा गया हेल्पर।
भ्रष्टाचार पर वार : हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता ब्यूरो की कार्रवाई जारी है। सोमवार को राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, फरीदाबाद की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन, एनआईटी फरीदाबाद कार्यालय में तैनात हेल्पर आकाश को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी आकाश को 16 हजार रुपये की नकद रिश्वत लेते समय पकड़ा गया।
ऑनलाइन अप्लाई करने पर नहीं मिला ड्रग लाइसेंस
शिकायतकर्ता के अनुसार, उसका बेटा रिशिव अपने नाम से मेडिकल स्टोर खोलना चाहता है। इसके लिए उसने 12 जुलाई को ऑनलाइन ड्रग लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। जब कुछ दिनों तक कोई जवाब नहीं आया तो वह 17 जुलाई को किसी के कहने पर एक कैफे में गया, जहां उसे कर्ण नाम के युवक ने संबंधित कार्यालय के हेल्पर आकाश से मिलने की सलाह दी। इसके बाद 21 जुलाई को शिकायतकर्ता अपने छोटे बेटे नीरज के साथ ड्रग ऑफिस पहुंचा, लेकिन वहां आकाश नहीं मिला। उसकी मुलाकात ड्रग इंस्पेक्टर प्रवीन राठी से हुई, जिन्होंने ऑनलाइन डाटा चेक करने के बाद निरीक्षण की बात कही। उसी दिन आकाश शिकायतकर्ता की दुकान पर पहुंचा और निरीक्षण के बाद लाइसेंस प्रक्रिया में तेजी लाने के नाम पर 16 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। इसमें 15,500 रुपये साहब के लिए और 500 रुपये खुद के लिए बताए गए।
39 हजार रुपये किए बरामद
शिकायत मिलने पर सतर्कता ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए 22 जुलाई को आकाश को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी की निशानदेही पर अतिरिक्त 39,000 रुपये की संदिग्ध राशि भी बरामद की गई है। ब्यूरो ने आरोपी के खिलाफ थाना राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, फरीदाबाद में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया है। मामले में अन्य संभावित आरोपियों की भूमिका की जांच भी की जा रही है।