दिल्ली ब्लास्ट कनेक्शन: NIA की फरीदाबाद में 30 डॉक्टरों से पूछताछ, डॉ. शाहीन की कार से राइफल मिली

शाहीन के कमरे से 18.50 लाख कैश, सोने के बिस्कुट और खाड़ी देशों की करेंसी भी मिली है। जांच एजेंसियां लगातार आतंकी नेटवर्क के हर पहलू को खंगाल रही हैं।

Updated On 2025-12-02 14:07:00 IST

ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी में खड़ी शाहीन की कार, इस कार को 25 सिंतबर 2025 को खरीदा गया था।

दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी मॉड्यूल की जांच में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को लेडी डॉक्टर शाहीन सईद के खिलाफ लगातार बड़े सबूत मिल रहे हैं। ब्लास्ट के बाद गिरफ्तार की गई डॉ. शाहीन की ब्रेजा कार से जांच के दौरान असाल्ट राइफल और विदेशी पिस्टल बरामद हुई है। यह कार फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में खड़ी मिली थी।

यह बरामदगी 13 नवंबर को हुई थी, जिसकी जानकारी अब सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक डॉ. शाहीन की गाड़ियों का इस्तेमाल अक्सर ब्लास्ट में शामिल आतंकी डॉ. मुजम्मिल शकील द्वारा किया जाता था और उन्हीं गाड़ियों में विस्फोटक सामग्री की ढुलाई भी की गई थी।

ब्लास्ट से पहले खरीदी गई थी कार

NIA की जांच में पता चला है कि यह नई ब्रेजा कार 25 सितंबर 2025 को फरीदाबाद के नीलम चौक स्थित एक शोरूम से खरीदी गई थी। इस गाड़ी का भुगतान 10 लाख से ज्यादा कैश में किया गया था। कार की डिलीवरी के समय डॉ. शाहीन के साथ डॉ. मुजम्मिल शकील भी मौजूद था, जिसकी तस्वीर दोनों ने सोशल मीडिया पर भी डाली थी।

गाड़ी खरीदने के बाद इसे यूनिवर्सिटी के एडमिन ब्लॉक में खड़ा किया गया था। जांच में सामने आया है कि इस कार का इस्तेमाल दिल्ली धमाके की प्री-प्लानिंग के लिए किया जा रहा था। फरीदाबाद की बड़खल तहसील में इसका रजिस्ट्रेशन कराया गया था।

सीट के नीचे छिपाए गए थे हथियार

पुलिस सूत्रों के अनुसार ब्रेजा कार की सीट के नीचे असाल्ट राइफल और पिस्टल दोनों हथियारों को अलग-अलग छिपाकर रखा गया था। शुरुआती जांच में ये हथियार दिखाई नहीं दे रहे थे, लेकिन गहन तलाशी के बाद इनका पता चला।

बरामद हुई क्रिनकोव असाल्ट राइफल सोवियत संघ में 1979 में बनाई गई थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह कॉम्पैक्ट राइफल छोटी होती है और इसे कम जगह पर आसानी से छिपाया जा सकता है। यह हथियार आतंकी गतिविधियों में इसकी अहमियत को दर्शाता है। इससे पहले, आतंकी डॉ. मुजम्मिल की स्विफ्ट कार से भी पिस्टल बरामद हुई थी, वह कार भी डॉ. शाहीन के नाम पर रजिस्टर्ड थी।

कैश, सोना और खाड़ी देशों की करेंसी बरामद

डॉ. शाहीन के फ्लैट नंबर 32 की तलाशी के दौरान भी NIA को कई महत्वपूर्ण चीजें मिली हैं। यूनिवर्सिटी में बनाए गए एक सीक्रेट लॉकर से 18.50 लाख कैश, सोने के 2 बिस्कुट और खाड़ी देशों की करेंसी बरामद हुई है।

लेडी आतंकी को लेकर एक और बड़ा खुलासा यह हुआ है कि उसने अपने पासपोर्ट पर तीन बार अपना पता बदला था। उसका आखिरी पता अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस का ही दर्ज था। इससे पहले वह कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी की प्रवक्ता और विभागाध्यक्ष रह चुकी थी।

यूनिवर्सिटी के 30 डॉक्टरों के बयान दर्ज

डॉ. शाहीन अभी NIA की हिरासत में है और एजेंसी जांच के दायरे को लगातार बढ़ा रही है। एजेंसी अब तक अल-फलाह यूनिवर्सिटी के 30 डॉक्टरों के बयान भी दर्ज कर चुकी है, जिनमें अधिकतर जम्मू-कश्मीर से संबंध रखते हैं। जांच एजेंसी इन सभी डॉक्टरों के बैकग्राउंड की गहनता से जांच कर रही है।

इसके अलावा, सोमवार को NIA ने डॉ. शाहीन के लखनऊ स्थित घर पर भी छापेमारी की, जहां उनके पिता और एक भाई रहते हैं। करीब छह घंटे चली इस तलाशी में टीम को कुछ कागज और उपकरण मिले हैं। जम्मू-कश्मीर और सहारनपुर में भी कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई है।

यूनिवर्सिटी संस्थापक न्यायिक हिरासत में

इस बीच दिल्ली ब्लास्ट के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किए गए अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद सिद्दीकी को साकेत कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जांच से पता चला है कि यूनिवर्सिटी ने वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2024-25 तक करोड़ों रुपये की आय दिखाई थी और उस पर कथित फर्जी मान्यता के आरोप भी हैं।

पेरेंट्स की मांग, यूनिवर्सिटी हो टेकओवर

यूनिवर्सिटी के आतंकी नेटवर्क में शामिल होने के खुलासे से एमबीबीएस और एमडी छात्रों के पेरेंट्स चिंतित हैं। उन्होंने ऑनलाइन बैठक कर मांग की है कि हरियाणा सरकार इस यूनिवर्सिटी को टेकओवर करे और इसका नाम बदला जाए। पेरेंट्स का तर्क है कि यूनिवर्सिटी का नाम आतंक नेटवर्क से जुड़ने के कारण उनके बच्चों की डिग्री पर 'दाग' लग गया है और भविष्य में उन्हें नौकरी पाने में मुश्किल हो सकती है। वे जल्द ही अपनी मांग को लेकर NMC में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।

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