Faridabad News: रानी की छतरी सहित 20 संरक्षित धरोहरों का होगा जीर्णोद्धार, बनेंगे खूबसूरत प्रयर्टन स्थल

फरीदाबाद के बल्लभगढ़ स्थित खूबसूरत ऐतिहासिक रानी की छतरी का जीर्णोद्धार किया जाएगा। मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा का कहना है कि इसके साथ-साथ 20 संरक्षित धरोहरों का जीर्णोद्धार कर उन्हें एक बेहतरीन प्रर्यटन स्थल बनाया जाएगा।

By :  sapnalata
Updated On 2025-09-20 07:00:00 IST

रानी की छतरी बल्लभगढ़।

Faridabad News: फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में स्थित ऐतिहासिक रानी की छतरी समेत 20 संरक्षित ऐतिहासिक धरोहरों का जीर्णोद्धार करने का फैसला लिया गया है। इस काम में लगभग 1 करोड़ 7 लाख रुपए की लागत लगाई जाएगी। इस लागत से ऐतिहासिक धरोहरों को खूबसूरत और आकर्षक लुक दिया जाएगा। ऐसा करने से इन धरोहरों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे राज्य की अर्थ व्यवस्था में बढ़त होगी। साथ ही इनका जीर्णोद्धार कर देश-विदेश के मानचित्र में नई पहचान मिलेगी। यहां आने वाले युवाओं को भी अपने इतिहास को जानने का मौका मिलेगा।

जीर्णोद्धार के बाद मिलेगी नई पहचान

ये घोषणा विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने गुरुवार को नारनौल से एक वर्चुएल कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर की। डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि ऐतिहासिक रानी की छतरी के साथ-साथ इसमें 20 और पर्यटन स्थलों को जीर्णोद्धार के लिए शामिल किया गया है। जीर्णोद्धार कर इनका शुभारंभ किया जाएगा। वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस काम की सरहाना करते हुए कहा कि इस तरह से स्थलों को संवारकर उन्हें एक नया रूप दिया जा रहा है, जिससे इन्हें एक नई पहचान मिल सकेगी।

युवा जान सकेंगे इतिहास

फरीदाबाद के एसीडी सतबीर मान के अनुसार, रानी की छतरी, नाहर सिंह महल के पास एक शाही तालाब के किनारे स्थित है। ये छतरी और ये तालाब हरियाणा के इतिहास को दर्शाती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने आदेश दिया है कि इन्हें साफ और सही ढंग से रखा जाना चाहिए। ऐसा करने से आज के युवा अपने इतिहास के प्रति आकर्षित होंगे और उन्हें इतिहास को जानने का मौका मिलेगा।

रानी की छतरी

फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में ऐतिहासिक रानी की छतरी मौजूद है। यह स्तंभों से घिरी हुई चकोर चबूतरे पर बनी हुई है। इसकी संरचना का स्वरूप इंडो-इस्लामिक और राजपूत वास्तुकला से मिला जुला है। इसके अंदर छोटी-छोटी छतरियां बनी हुई हैं, जो बेहद आकर्षक हैं। इस रानी की छतरी के पास एक सीढ़ीदार टैंक बना हुआ है। कहा जाता है कि एक समय पर यहां रानी स्नान करने आया करती थीं।

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