फरीदाबाद में बुजुर्ग दंपती 'डिजिटल अरेस्ट' का शिकार: मुंबई क्राइम ब्रांच का ठग बनकर 30 लाख की ठगी, मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर फंसाया
गिरफ्तारी के डर से दंपती ने अपनी FD तुड़वाकर ठगों के बताए खातों में 30.20 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। पैसे भेजने के बाद भी जब 'डिजिटल अरेस्ट' खत्म नहीं हुआ, तो महिला ने हिम्मत कर पुलिस को सूचना दी।
हरियाणा के फरीदाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग दंपती को 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर 30 लाख रुपये की बड़ी ठगी का शिकार बनाया गया है। ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बताकर इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
तीन दिन तक रखा 'डिजिटल अरेस्ट' में
फरीदाबाद के एनआईटी-2 नंबर स्थित जे ब्लॉक की निवासी सुषमा भाटिया ने साइबर थाना पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि 16 जून को उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बताया और धमकी भरे लहजे में कहा आपको गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके तुरंत बाद कॉल कट हो गया। कुछ ही देर में उन्हें एक दूसरे नंबर से वीडियो कॉल आया। इस वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में उनसे बात करने लगा।
कुल 30 लाख 20 हजार रुपये ठग लिए
सुषमा भाटिया ने बताया कि वीडियो कॉल पर बात कर रहे शख्स ने उन्हें 'जेट एयरवेज मनी लॉन्ड्रिंग केस' में आरोपी होने का दावा किया। उसने कहा कि उन्हें 'हाउस अरेस्ट' किया गया है और जल्द ही 'डिजिटल अरेस्ट' के ऑर्डर भेज दिए जाएंगे। इस पूरी बातचीत के दौरान सुषमा के पति अविनाश भी उनके साथ थे। ठगों ने दंपती को गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई का इतना डर दिखाया कि वे पूरी तरह से उनके झांसे में आ गए। ठगों ने उन्हें तीन दिनों तक कथित तौर पर 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा और इस दौरान उनसे कुल 30 लाख 20 हजार रुपये ठग लिए।
एफडी तुड़वाकर भेजे पैसे
ठगों के चंगुल में फंसे बुजुर्ग दंपती ने गिरफ्तारी से बचने की आस में अपनी जमा पूंजी गंवा दी। उन्होंने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) तुड़वाकर ठगों द्वारा बताए गए खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए। ठगों के खाते में इतनी बड़ी रकम भेजने के बाद भी, जब दंपती को 'डिजिटल अरेस्ट' से मुक्ति नहीं मिली, तो सुषमा भाटिया ने हिम्मत जुटाई। उन्होंने नहाने का बहाना बनाकर घर से बाहर कदम रखा और सीधे पुलिस थाना पहुंचीं। वहां उन्होंने साइबर पुलिस को अपने साथ हुई पूरी वारदात की जानकारी दी।
पुलिस ने जांच शुरू की, आरोपियों की तलाश जारी
साइबर थाना पुलिस एनआईटी ने पीड़ित बुजुर्ग दंपती की शिकायत पर तत्काल मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने उन बैंक खातों का विवरण खंगालना शुरू कर दिया है जिनमें पैसे भेजे गए थे। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस साइबर ठगी में शामिल सभी आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
यह घटना लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि वे अज्ञात कॉल और वीडियो कॉल पर भरोसा न करें, खासकर जब कोई खुद को सरकारी अधिकारी या पुलिस कर्मी बताकर पैसे की मांग करे या गिरफ्तारी का डर दिखाए। ऐसे मामलों में तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर संपर्क करना चाहिए।