Lok Sabha Election 2024: दिल्ली का चुनाव केजरीवाल के लिए बड़ी अग्नि परीक्षा, जानिये 'सुप्रीम' जमानत का कितना होगा फायदा?
Lok Sabha Election 2024: सीएम अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ से बाहर आते ही आम आदमी पार्टी में जान फूंकने का काम शुरू कर दिया है। ऐसे में बीजेपी में खासी बेचैनी है। पढ़िये अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का लोकसभा चुनाव पर कितना पड़ेगा असर...
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद आज पहली बार चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं। उनके चुनावी समर में कूदने से जहां विपक्ष में खासा उत्साह है, वहीं बीजेपी में बेचैनी भी देखी जा रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के चलते ही विपक्ष के प्रति लोगों में सहानुभूति बनी थी, लेकिन अब उनके तिहाड़ से बाहर आने के बाद लोगों को विश्वास हो जाएगा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। यही वजह है कि पहले के मुकाबले अब सत्ता पक्ष को खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है। यही नहीं, दिल्ली और पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में भी केजरीवाल बीजेपी के लिए घातक हथियार साबित हो सकते हैं। ऐसे में बीजेपी ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप है। अगर केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वो दोषमुक्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि सत्य थोड़ी देर के लिए बाधित हुआ है, लेकिन पराजित नहीं हुआ है। दिल्ली शराब घोटाला के मुख्य सरगना केजरीवाल थे और रहेंगे। विनोद सचदेवा की इस लाइन पर बीजेपी के तमाम नेता चल रहे हैं। यहां तक कि गृह मंत्री अमित शाह ने भी मीडिया के समक्ष यही बोला है कि अंतरिम जमानत मिलना किसी का दोषमुक्त होना नहीं है। उन्हें दो जून को फिर से वापस जाना होगा और भ्रष्टाचार के मामले में कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा।
#WATCH दिल्ली: अरविंद केजरीवाल की अंतरिम ज़मानत पर नई दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार बांसुरी स्वराज ने कहा, "न्यायालय ने पहले ही बोल दिया है कि 2 जून को उनको वापस आत्मसमर्पण करना पड़ेगा। ये अंतरिम ज़मानत सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए मिली है...आम आदमी पार्टी को पुरानी आदत है… pic.twitter.com/5nRcGJ54sA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 11, 2024
केजरीवाल ने माहौल बनाना शुरू किया
मीडिया रिपोर्ट्स बताई जा रही है कि अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ से रिहा होते ही आम आदमी पार्टी के लिए माहौल बनाना शुरू कर दिया है। कारण यह है कि गिरफ्तारी के समय आप नेताओं ने दावा किया था कि दिल्ली की सड़कों पर लोगों का सैलाब उमड़ेगा, लेकिन इसका ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया। वक्त के साथ मनीष सिसोदिया की तरह अरविंद केजरीवाल की याचिकाएं भी खारिज होती चली गईं। इससे आप कार्यकर्ताओं में मायूसी बढ़ रही थी। आप नेताओं और कार्यकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट से ही उम्मीद बची थी। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी, लेकिन शर्ते भी लगा दीं। इसके चलते बीजेपी लोगों को सशर्त जमानत का अर्थ समझा रही है। वहीं, केजरीवाल ने 'आप' के लिए दोबारा से माहौल बनाने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने रोड शो से पहले सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।
#WATCH दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मैं भाजपा से पूछता हूं कि आपका PM कौन होगा? मोदी जी अगले वर्ष 75 साल के हो रहे हैं, भाजपा के अंदर 2014 में मोदी जी ने खुद नियम बनाए थं कि BJP में जो भी 75 साल का होगा उसे रियाटर कर दिया जाएगा... अब मोदी जी रिटायर होने वाले… pic.twitter.com/qzXc8BtYPK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 11, 2024
सशर्त जमानत को लेकर 'आप' पर प्रहार
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को सशर्त जमानत दी है। आदेश दिया है कि जमानत अवधि के दौरान न तो सचिवालय जाएंगे और न ही किसी फाइल में साइन करेंगे। अगर बेहद जरूरी फाइल हो, तभी साइन कर सकते हैं। इसके अलावा, दिल्ली शराब घोटाला मामले में कोई भी बयान नहीं देंगे और न ही किसी सबूत से छेड़छाड़ या किसी गवाह से संपर्क करेंगे।
आदेश के इसी हिस्से को लेकर बीजेपी कह रही है कि देश में पहली बार ऐसा सीएम हुआ है, जिसे कि सचिवालय न जाने और साइन न करने की अनुमति नहीं है। बीजेपी तो यहां तक नैतिकता के आधार पर सीएम से इस्तीफे की मांग कर रही है। बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब उनसे इस्तीफे की मांग की गई थी, इससे पहले भी गिरफ्तारी के बाद से इस्तीफे की मांग को लेकर बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर चुके हैं। वहीं, आप अड़िग है कि चाहे परिस्थिति कैसी भी बने, अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली के सीएम रहेंगे।
सशर्त अंतरिम जमानत अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर एक ऐसी कालिख है, जो देश को बताती है कि यह व्यक्ति भ्रष्टाचारी है! विश्वसनीयता तो पहले ही खो चुके हैं अब इस पर मुहर भी लग गई है! अब किस मुँह से जनता के सामने जाएंगे?
— Manoj Tiwari (मोदी का परिवार) 🇮🇳 (@ManojTiwariMP) May 10, 2024
50000 के निजी मुचलके पर सशर्त बेल पर रिहा कर सुप्रीम कोर्ट ने आज… pic.twitter.com/UmTfiiB8Od
यह बड़ी परीक्षा या एकतरफा माहौल?
अभी तक कि रिपोर्ट पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि अगर सीएम केजरीवाल के बाहर आने से बीजेपी को नुकसान होगा तो यह केजरीवाल के लिए अग्नि परीक्षा कैसे है। दरअसल, अग्रि परीक्षा इसलिए बता रहे हैं क्योंकि चुनाव के नतीजे 4 जून को आ जाएंगे। 2019 लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी 7 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी।
यही नहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में भी सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा था। इस बार दिल्ली लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आप ने गठबंधन किया है। आप ने 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। ऐसे में अगर जनता अरविंद केजरीवाल के साथ हैं, तो निश्चित ही सातों सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। इसके विपरीत परिणाम उलट आते हैं, तो निश्चित है कि बीजेपी के आरोपों को भी जनता गंभीरता से ले रही है।