Saurabh Bhardwaj: सौरभ भारद्वाज का बीजेपी पर निशाना, बोले- '2019 में मैं मंत्री नहीं था...'

Saurabh Bhardwaj: आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने अस्पताल घोटाले को लेकर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि एलजी वीके सक्सेना ने 2019-2020 के कथित अस्पताल घोटाले में जांच की अनुमति दे दी है। हालांकि मैं उस दौरान मंत्री भी नहीं था।

Updated On 2025-07-17 18:25:00 IST

अस्पताल घोटाले पर बोले सौरभ भारद्वाज।

Saurabh Bhardwaj: दिल्ली में अस्पताल घोटाले में जांच की अनुमति दे दी गई है। इसको लेकर आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे जिस कार्यकाल के दौरान की बात कर रहे हैं, उस समय मैं मंत्री भी नहीं था।

उन्होंने कहा कि एलजी वीके सक्सेना की तरफ से प्रेस रिलीज जारी की गई थी, जिसमें अस्पताल घोटाले की जांच के लिए आदेश दे दिए गए थे। जबकि इसे तथाकथित घोटाला कहा जाना चाहिए था। वहीं उन्होंने दावा किया कि मीडिया में खबरें चलीं कि मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ अस्पताल घोटाले में एसीबी जांच करेगी।

इस पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सब जानते हैं कि 2015-2020 के कार्यकाल के दौरान मंत्री भी नहीं था। इसके बाद मैंने 26 जून को एक वीडियो जारी कर मैंने पार्टी की तरफ से प्रेस रिलीज जारी कर स्पष्ट किया कि 2018-19 में सौरभ भारद्वाज मंत्री नहीं थे। इसके बावजूद 27 जून को फिर से छापा गया कि अस्पताल घोटाला मामले में तत्कालीन मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन पर केस।

स्पष्ट जानकारी के बावजूद जब दोबारा खबर प्रकाशित की गई, तो मैंने दैनिक जागरण नामक अखबार को मानहानि का नोटिस भेजा। अगर वे अपनी गलती नहीं सुधारते, तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन पर आरोप लगाया गया कि 2018-19 के दौरान 5590 करोड़ रुपए की लागत से 24 अस्पताल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। ये परियोजनाएं बड़े पैमाने पर अधूरी रहीं। इसके कारण इनकी लागत में अस्पष्ट तरीके से बढ़ोतरी हुई। साथ ही 1125 करोड़ रुपए के ICU अस्पताल प्रोजेक्ट, जिसमें कुल 6800 बिस्तरों वाली सुविधाएं शामिल थीं। इनमें से तीन साल बाद भी केवल 50 प्रतिशत काम ही पूरा हो सका। हालांकि इस पूरे काम में 800 करोड़ रुपए खर्च हो गए थे।

जांच में ये भी पाया गया कि LNJP अस्पताल में न्यू ब्लॉक का काम मेसर्स स्वदेशी सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया था। इसके तहत चार साल में उसकी लागत 488 करोड़ से बढ़कर 1135 करोड़ हो गई। जनवरी 2023 में इमारत का काम पूरा करने की समय सीमा थी। हालांकि इन इमारतों का काम अभी भी अधूरा है। इसके अलावा पॉलीक्लिनिक परियोजनाओं में, हेल्थ इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम समेत तमाम घोटाले पाए गए। इन मामलों पर बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ घोटाले को लेकर मामला दर्ज कराया। इसी मामले पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब मैं इस कार्यकाल के दौरान मंत्री था ही नहीं, तो मेरे खिलाफ केस कैसे बन सकता है?

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