JNU Hunger Strike: जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष की बिगड़ी तबीयत, एडमिट होने से पहले दिया ये संदेश
जेएनयू में भूख हड़ताल पर बैठे जेएनयूएसयू अध्यक्ष नतीश कुमार की तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। भर्ती होने से पहले छात्रों को खास संदेश दिया है।
सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश कुमार।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की भूख हड़ताल जारी है। भूख हड़ताल पर बैठे जेएनयूएसयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार को सीने में तेज दर्ज की शिकायत के बाद सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उन्होंने छात्रों को कहा कि चाहे कुछ भी हो, लेकिन जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, भूख हड़ताल जारी रहनी चाहिए। भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों ने जेएनयू प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और संकल्प दोहराया कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक वे भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे।
जूएनयूएसयू ने विवि प्रशासन पर बोला हमला
जेएनयूएसयू ने नीतीश कुमार की तबीयत खराब होने पर बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने जेएनयू प्रशासन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ रही है, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। यह चुप्पी किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है। उन्होंने विवि प्रशासन से छात्रों की उचित मांगों पर तत्काल ध्यान देने की मांग की है।
इन मांगों को लेकर चल रही भूख हड़ताल
जेएनयूएसयू का आरोप है कि यूजीसी-नेट आधारित प्रवेश प्रक्रिया अपनाई गई है, जो कि पारदर्शी नहीं है। मई 2024 में सर्वे किया गया था, जिसमें 93 प्रतिशत छात्रों ने जेएनयूईई की बहाली का समर्थन किया था। लेकिन, विवि प्रशासन ने केवल सिनेमा और कोरियन स्टडीज के लिए ही इसे मंजूरी दी है। अन्य पीएचडी पाठ्यक्रमों के लिए विवि प्रशासन ने यूजीसी-नेट स्कोर को लागू किया है, जिसका विरोध किया जा रहा है। जेएनयू छात्रसंघ ने कहा कि जेएनयूईई बहाली करने के साथ ही मनमाने तरीके से छात्रों पर की गई कार्रवाई को वापस लेने, मेरिट कम मीन्स स्कॉलरशिप को बढ़ाकर 5000 करने समेत कई मांगे हैं, जिन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।