Lucknow News: डिजिटल दुष्कर्म क्या है और कितनी सजा का प्रावधान? 4 साल की बच्ची बनी दरिंदगी की शिकार

साल 2013 को डिजिटल दुष्कर्म को कानूनी मान्यता मिली थी। लखनऊ की घटना के साथ ही डिजिटल दुष्कर्म की परिभाषा से लेकर सजा के प्रावधानों तक की पूरी डिटेल्स।

Updated On 2025-07-19 16:59:00 IST

डिजिटल रेप में कितनी सजा का प्रावधान, जानिये यहां

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। यहां एक स्कूल बस के ड्राइवर ने चार साल की बच्ची के साथ डिजिटल दुष्कर्म किया। बच्ची की हालत देखकर जांच करने वाली चिकित्सक सकते में थी, लेकिन संबंधित स्कूल प्रशासन मामले को दबाने में लगा रहा। यही नहीं, आरोपी ने भी जब पीड़ित परिवार को धमकाना शुरू कर दिया तो मामला पुलिस तक पहुंच गया।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस रिपोर्ट में आपको इस पूरी घटना के साथ ही डिजिटल दुष्कर्म, इससे जुड़े कानूनी प्रावधान इत्यादि के बारे में बताने जा रहे हैं। सबसे पहले पढ़िये इस मासूम से इस बस चालक ने किस तरह से हैवानियत की।

डिजिटल दुष्कर्म विक्टिम की पीड़ा

एएनआई से बातचीत में पीड़िता की मां ने बताया कि स्कूल वैन ड्राइवर ने उसकी चार वर्षीय बेटी के साथ डिजिटल दुष्कर्म किया। यह तब पता चला, जब उसकी बच्ची ने गुप्तांगों में दर्द की शिकायत की थी। जांच करने पर पता चला कि उसे चोट लगी है। मैंने प्रिंसिपल से शिकायत की, तो कहा कि वह इस बारे में बात करेंगी। जब बच्ची को डॉक्टर के पास ले गई तो उन्होंने बताया कि बच्ची जो कुछ बता रही है, वो सही है। उसके गुप्तांगों में कुछ डाला गया था।

उन्होंने कहा कि मैं दो दिन तक स्कूल की ओर से कार्रवाई का इंतजार करती रही, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जब बस ड्राइवर ने बच्ची को दोबारा से स्कूल ले जाने के लिए फोन किया तो हमने इस बारे में बात की, जिसके बाद वो जातिवादी टिप्पणियां करने और अपहरण की धमकी देने लगा।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। बच्ची का भी मेडिकल टेस्ट कराया गया है। इस मामले की सुनवाई आज हाईकोर्ट में होनी है।

क्या है डिजिटल दुष्कर्म

अगर किसी के प्राइवेट पार्ट्स में जबरदस्ती उंगली या ऑब्जेक्ट को डाला जाता है, तो उसे डिजिटल दुष्कर्म कहा जाता है। इसके अलावा बिना अनुमति निजी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा करना भी डिजिटल यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आता है। 16 दिसंबर 2012 के निर्भया कांड के बाद 2013 में डिजिटल दुष्कर्म को कानूनी मान्यता मिली थी।

डिजिटल दुष्कर्म में कितनी सजा का प्रावधान

डिजिटल दुष्कर्म मामले में पीड़ित को जेंडर के हिसाब से नहीं बल्कि बालिग और नाबालिग के हिसाब से आरोपी के खिलाफ सजा का प्रावधान किया गया है।

  • अगर पीड़ित नाबालिग है तो आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस चलता है, जिसमें न्यूनतम 5 साल से लेकर उम्र कैद और मौत तक की सजा का प्रावधान है।
  • अगर पीड़ित बालिग है, तो आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत केस दर्ज किया जाता है। अब बीएनएस की धारा 63 के तहत दुष्कर्म केस रजिस्टर्ड होता है, जिसमें 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।

बता दें कि गुरुग्राम के एक नामी हॉस्पिटल में भी तीन महीने पहले आईसीयू में एडमिट एयर होस्टेस से डिजिटल दुष्कर्म हुआ था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही, सरकार ने भी सख्त एक्शन लेते हुए हॉस्पिटल को भी शोकॉज नोटिस देकर जवाब मांगा था। यहां पढ़िये विस्तृत खबर

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