Bulldozer Action In Delhi: जंगपुरा के मद्रासी कैंप में शुरू हुई तोड़फोड़, 370 झुग्गियों पर चलेगा पीला पंजा
Bulldozer Action In Delhi: दिल्ली के जंगपुरा इलाके में मद्रासी कैंप में बुलडोजर एक्शन शुरू हो गया है। इसके कार्रवाई के तहत 300 से ज्यादा झुग्गियों को हटाया जाएगा।
जंगपुरा के मद्रासी कैंप में बुलडोजर एक्शन
Bulldozer Action In Delhi: दिल्ली के जंगपुरा स्थित मद्रासी कैंप में अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए तोड़फोड़ अभियान शुरू कर दी गई है। बुलडोजर कार्रवाई के दौरान वहां पर दिल्ली पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की गई है, जिससे स्थानीय लोगों के विरोध को रोका जा सके। इस तोड़फोड़ अभियान के तहत 370 झुग्गियों को तोड़ा जाएगा। यह कार्रवाई DDA की ओर से की जा रही है।
बता दें कि यह कार्रवाई दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर की जा रही है, जिसमें अदालत ने 1 जून से मद्रासी कैंप को ध्वस्त करने आदेश दिया था। कोर्ट में बताया गया कि मानसून में भीषण जलभराव को रोकने के लिए बारापुला नाले की सफाई के लिए अतिक्रमण हटाने की जरूरत है।
189 परिवारों को फ्लैट आवटिंत
दिल्ली हाईकोर्ट ने बारापुला नाले की सफाई को जरूरत को देखते हुए मद्रासी कैंप को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। साथ कोर्ट ने यह भी कहा था कि अतिक्रमण हटाने के साथ ही यहां के लोगों को नरेला में बसाया जाए। बता दें कि करीब 60 साल से इस झुग्गी बस्ती में 300 से ज्यादा मजदूर वर्ग के परिवार रहते हैं।
अधिकारियों ने झुग्गी बस्ती की दीवारों पर एक लिस्ट चिपकाई गई थी, जिसमें सरकारी फ्लैटों के आवंटन के पात्र परिवारों का नाम शामिल था। जानकारी के मुताबिक, 370 परिवारों में से सिर्फ 189 परिवारों के सरकारी फ्लैट के लिए पात्र पाया गया। मद्रासी कैंप के लोगों का कहना है कि काफी कम परिवारों का फ्लैट आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा उन आवंटित फ्लैट्स की हालत भी ठीक नहीं है।
हाईकोर्ट ने क्यों दिया आदेश?
बता दें कि बारापुला नाले के पास अवैध रूप से अतिक्रमण करके झुग्गियां बनाई गई हैं। इसके चलते नाले की सफाई में समस्या हो रही है। ऐसे में इसे जाम मुक्त बनाने के लिए अवैध झुग्गियों को ध्वस्त किया जाना जरूरी है। 9 मई को दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेश में कहा गया था कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई व्यवस्थित तरीके से की जाना चाहिए। साथ ही मद्रासी कैंप के निवासियों को निवासियों को दूसरी जगह पर बसाया जाना चाहिए।
कोर्ट ने आदेश में कहा था कि कोई भी निवासी पुनर्वास के अलावा किसी अन्य अधिकारी का दावा नहीं कर सकता है। यह सार्वजनिक भूमि है, जिस पर अतिक्रमण किया गया। कोर्ट के आदेश के बाद अधिकारियों ने अवैध तरीके से रह रहे परिवारों को अतिक्रमण हटाने के लिएल ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी कर दिया था।