Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन, कुलदीप सेंगर की जमानत रद्द करने की मांग
उन्नाव रेप केस में आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को सस्पेंड किया गया था। इसके बाद से पीड़िता लगातार आवाज उठा रही है। इसी कड़ी में आज शुक्रवार को कोर्ट परिसर के बाहर भी प्रदर्शन किया गया।
कुलदीप सिंह सेंगर की सजा सस्पेंड होने से गुस्साए लोगों ने दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर किया प्रदर्शन।
Delhi High Court: उन्नाव रेप मामले में दोषी पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए सशर्त जमानत दे दी है। कोर्ट ने उन्हें 15 लाख रुपये का व्यक्तिगत मुचलका और इतनी ही राशि की तीन जमानतें जमा करने की शर्त पर राहत दी। हालांकि वह अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के अलग मामले में उन्हें 10 साल की सजा मिली है और उसमें जमानत नहीं मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा रेप केस में दोषी कुलदीप सेंगर को जमानत मिलने पर पीड़िता के परिवार और अन्य महिला कार्यकर्ताओं ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है।
क्या है हाईकोर्ट का फैसला?
जमानत देते समय हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश दिए हैं कि सेंगर दिल्ली में ही रहेंगे और पीड़िता के दिल्ली वाले निवास स्थान से 5 किलोमीटर के दायरे में नहीं जाएंगे। वे पीड़िता के परिवार के किसी सदस्य से भी नहीं मिलेंगे। इसके अलावा इस दौरान यदि वह किसी भी शर्त का उल्लंघन करते हैं तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि सेंगर पहले ही काफी समय जेल में काट चुके हैं। इस वजह से अपील लंबित रहने तक सजा पर रोक लगाई गई है।
हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन
इस फैसले के खिलाफ पीड़िता के परिवार और अन्य महिला कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। वह लोग नाराजगी जताते हुए सेंगर की जमानत रद्द करने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से वहां धरना न देने की अपील की और चेतावनी दी कि यह जगह प्रदर्शन के लिए प्रतिबंधित है। बताया जा रह कि पुलिस ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अगर आपको प्रदर्शन करना है तो जंतर मंतर पर चले जाओ और यदि आपने ऐसा नहीं किया तो 5 मिनट बाद कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
पीड़ित परिवार की गुहार
पीड़िता की मां ने कहा कि सेंगर की जमानत रद्द होनी चाहिए और ऐसा नहीं हु्आ को वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगी क्योंकि हाईकोर्ट के फैसले पर अब भरोसा नहीं रहा। उनके पति के हत्यारे को फांसी दी जानी चाहिए। महिला कार्यकर्ता योगिता भयाना ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन करते हुए कहा कि वे पीड़िता के लिए न्याय मांगने हाईकोर्ट आए हैं और उनकी याचिका सुनी जाए। अगर न्याय नहीं मिला तो बड़ा विरोध करेंगे क्योंकि यह उनका अधिकार है।