Delhi: दिल्ली में जबरन वसूली...महिला एसआई समेत 5 गिरफ्तार, क्या है मामला?

Delhi Extortion Case: दिल्ली पुलिस की महिला एसआई पर डॉक्टर से मारपीट और वसूली का आरोप लगाया गया है। इस मामले में महिला एसआई समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

Updated On 2025-07-28 13:06:00 IST

दिल्ली पुलिस की महिला एसआई जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Delhi Extortion Case: दिल्ली पुलिस की महिला सब इंस्पेक्टर समेत 5 आरोपियों को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। महिला सब इंस्पेक्टर नीतू बिष्ट पर आरोप है कि उसने एक डॉक्टर के साथ मारपीट करके 20 लाख रुपये को वसूली की है। पीड़ित डॉक्टर की शिकायत पर विजिलेंस विभाग ने एसआई नीतू बिष्ट और 3 अन्य पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया। इस मामले में दिल्ली के पश्चिम विहार थाने में केस दर्ज किया गया है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

पीड़ित डॉक्टर नीरज शिक्षा से जुड़ी एक कंसल्टिंग फर्म चलाते हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि शुक्रवार को पुलिसकर्मी विशाल छिल्लर दो अन्य लोगों के साथ उनके ऑफिस पहुंचा, जहां पर नीरज 2 कर्मचारियों के साथ बैठे हुए थे। नीरज ने बताया कि पुलिसकर्मी ने सीसीटीवी का कनेक्शन काट दिया और गिरफ्तार करने की धमकी देते हुए 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी।

पीड़ित से 20 लाख रुपये वसूले

पीड़ित डॉक्टर का कहना है कि पुलिसकर्मी उन्हें जबरन एसयूवी में बिठाकर पीरागढ़ी के एक पुलिस बूथ में ले गए। वहां पर पीड़ित की पिटाई की गई। इस दौरान अजय कश्यप वहां पर पहुंचा, जो नीरज की जान पहचान वाला था। अजय ने मामला सुलझाने के बहाने से 40 लाख रुपये में सौदा तय किया। जानकारी के मुताबिक, नीरज ने अजय को 2 चेक दिए, जिसमें से एक चेक में नीरज ने 6.5 लाख रुपये का था। इसके अलावा अजय ने 10.5 लाख रुपये अपने खाते में जमा करवाए। इतना ही नहीं नीरज ने अपने दोस्त से 4 लाख रुपये लेकर भी दिए। कुल मिलाकर 20 लाख रुपये देने के बाद बचे हुए 20 लाख रुपये देने को कहकर नीरज को छोड़ा गया।

जांच में शामिल पुलिसकर्मी गिरफ्तार

शनिवार को पीड़ित ने इस मामले की शिकायत की, जिसके बाद विजिलेंस टीम ने जांच शुरू की। जांच में पता चला कि दिल्ली पुलिस की महिला एसआई और अन्य 3 पुलिसकर्मी इस साजिश में शामिल थे। महिला एसआई नीतू बिष्ट छुट्टी पर थी, लेकिन वह कॉल के जरिए पूरी घटना से जुड़ी हुई थी। आरोप है कि महिला एसआई ने पीड़ित को फर्जी केस में फंसाने की धमकी भी दी थी। इस मामले में गहनता से जांच की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि अगर आरोप सही पाए गए, तो आरोपित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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