Tihar Jail: दिल्ली की तिहाड़ जेल में 'काऊ थेरेपी' की शुरूआत...कैदियों के लिए सरकार का फैसला
Delhi Tihar Jail: दिल्ली की तिहाड़ जेल में गौशाला का उद्घाटन किया गया है। इसका उद्देश्य आवारा पशुओं को पनाह देने के साथ-साथ कैदियों के हित में काम करना है।
दिल्ली की तिहाड़ जेल में गौशाला का उद्घाटन।
Delhi Tihar Jail: दिल्ली सरकार ने तिहाड़ जेल परिसर में बीते दिन यानी बुधवार को 'काऊ थेरेपी' की शुरूआत की है। दरअसल उपराज्यपाल वी के सक्सेना और गृह मंत्री आशीष सूद ने मिलकर परिसर में एक गौशाला का उद्घाटन किया है। इस फैसले का उद्देश्य आवारा पशुओं को पनाह देने के अलावा कैदियों का अकेलापन दूर करना है। इसके अलावा तिहाड़ जेल के उत्पादों को ऑनलाइन बेचने और NGO के साथ सहयोग को आसान बनाने के लिए भी नई व्यवस्थाएं शुरू की गई हैं।
जानकारी के मुताबिक, गौशाला में 10 गायों को रखा गया है। कुछ गायों को खरीदा गया है, वहीं कुछ गाय दान में मिली हैं। गौशाला में 20 गाय रखी जा सकती हैं। दिल्ली सरकार ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले कैदियों को गायों की देखभाल और उन्हें खाना खिलाने जैसी जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।
गृह मंत्री आशीष सूद का कहना है कि 1 जनवरी से लेकर 19 जनवरी तक दिल्ली पुलिस को आवारा और लावारिस पशुओं से जुड़ी 25,000 शिकायतें मिली थीं। आशीष सूद ने कहा कि,' हमारी मौजूदा गौशालाओं में कुल 19,800 जानवरों को रखने की क्षमता है, फिर भी अभी 21,800 से ज्यादा जानवरों को पनाह दी जा रही है। ऐसी स्थिति में, तिहाड़ जेल में यह नई पहल भले ही एक छोटी शुरुआत लगे, लेकिन यह एक दूरदर्शी कदम है।'
'काऊ थेरेपी' क्या है ?
'काऊ थेरेपी' के बारे में बताते हुए सूद ने कहा कि यह उनक कैदियों के लिए बेहतर है, जो अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यह मनोवैज्ञानिक तरीका अलगाव की भावना को खत्म करने में मदद कर सकता है।' इस मौके पर सूद ने उपराज्यपाल वी के सक्सेना से तिहाड़ जेल में अत्याधुनिक गौशाला बनाने का प्रस्ताव दिया है। इस गौशाला को सरकारी फंडिंग और पशुओं की देखभाल के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली का सहयोग भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इस पहल से बड़ी संख्या में आवारा पशुओं को आश्रय, देखभाल और सेवा की सुविधा मिलेगी।
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