Delhi DTC Buses: दिल्ली की सभी सीएनजी बसों को हटाने की तैयारी, इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर फोकस

Delhi DTC Buses: दिल्ली में सीएनजी बसों को सड़कों से हटाने की तैयारी चल रही है। सरकार 2031 तक दिल्ली में केवल इलेक्ट्रिक बसों को चलाने पर फोकस कर रही है। इससे प्रदूषण नियंत्रण किया जा सकेगा।

Updated On 2025-08-19 17:10:00 IST

दिल्ली की डीटीसी बसें।

Delhi DTC Buses: दिल्ली में डीटीसी बसों की कमी को लेकर लोग काफी परेशान हैं। डीटीसी बसों में सफर करने वाले लोगों का कहना है कि सरकार को दिल्ली में डीटीसी बसों को बढ़ाना चाहिए। वहीं दिल्ली सरकार दिल्ली से सीएनजी बसों को हटाने की तैयारी में है। केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा कि दिल्ली परिवहन निगम और क्लस्टर सेवा के तहत चलने वाली 2743 सीएनजी बसों को अगस्त 2031 तक धीरे-धीरे सड़कों से हटा दिया जाएगा। दिल्ली में केवल इलेक्ट्रिक बसें ही खरीदी जा रही हैं। आने वाले समय में दिल्ली की सड़कों पर केवल इलेक्ट्रिक बसें ही सड़कों पर नजर आएंगी।

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उच्च सदन को बताया कि दिल्ली की सड़कों पर 11,000 बसों का लक्ष्य रखा है। इनमें से बड़ी संख्या इलेक्ट्रिक बसों की होगी। इन्हें चरणबद्ध तरीके से दिल्ली की सड़कों पर उतारा जाएगा।

इन बसों को हटाने के पीछे का मकसद बताते हुए उन्होंने कहा कि पुरानी डीज़ल और सीएनजी बसों को हटाने का मकसद है कि दिल्ली में प्रदूषण को कम किया जा सके और सार्वजनिक परिवहन को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सके। इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर तेजी से काम किया जा रहा है। विभिन्न डिपो में चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, वर्तमान समय में दिल्ली में 5,691 बसें हैं। दिल्ली सरकार और निजी कंपनियों द्वारा आधे-आधे के अनुपात पर 11,000 बसें चलाई जानी हैं। दिल्ली सरकार की तरफ से जानकारी दी जा रही है कि दिल्ली में डीटीसी बसों के बेड़े में केवल इलेक्ट्रिक बसें ही शामिल की जा रही हैं। सभी क्लस्टर बसें परिवहन विभाग द्वारा सकल लागत अनुबंध मॉडल पर शामिल की जा रही हैं। वहीं पिछले 5 सालों में नई सीएनजी बसें खरीदने के लिए डीटीसी को कोई धनराशि नहीं दी गई है।

बता दें कि 10 साल से ज्यादा पुरानी 993 डीटीसी बसों के मौजूदा सीएनजी बेड़े को 2026-27 तक चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। वहीं अगस्त 2031 तक निजी क्लस्टर के तहत 1,750 बसों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। 

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