Bulldozer Action In Delhi: कालकाजी में भूमिहीन कैंप की झुग्गियों पर चलेगा DDA का बुलडोजर, 10 जून तक खाली करने का नोटिस
Bulldozer Action In Delhi: दिल्ली के कालकाजी में भूमिहीन कैंप की झुग्गियों पर DDA की ओर से बुलडोजर एक्शन की तैयारी की जा रही है। DDA ने वहां के निवासियों को 10 जून तक झुग्गियां खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है।
DDA ने कालकाजी के भूमिहीन कैंप को खाली करने का नोटिस दिया
Bulldozer Action In Delhi: दिल्ली के कालकाजी में बुलडोजर एक्शन की तैयारी की जा रही है। दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) ने कालकाजी एक्सटेंशन के भूमिहीन कैंप को 10 जून तक खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है। इसके लिए DDA को दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से भी मंजूरी मिल गई है। DDA की ओर से जारी नोटिस में कहा गया कि हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, यहां की अवैध झुग्गियों को डिमोलिशन सुनिश्चित किया गया है।
नोटिस में आगे कहा गया कि 3 दिनों के अंदर यानी 10 जून तक खुद से ही अपनी झुग्गियां खाली कर दें। इसके बाद इन झुग्गियों को ध्वस्त कर दिया जाएगा। DDA के नोटिस में चेतावनी दी गई कि अगर तय सीमा अवधि के भीतर झुग्गियां खाली नहीं की जाती हैं, तो डिमोलिशन की कार्यवाही के दौरान सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी निवासियों की होगी।
इन लोगों को दिए गए फ्लैट
जानकारी के मुताबिक, अभी तक 1,800 लोगों को फ्लैट मिल चुके हैं, लेकिन अब भी 1,200 झुग्गियां बनी हुई हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को इसलिए फ्लैट आवंटित नहीं किए गए, क्योंकि उनके पास राशन कार्ड नहीं थे। कालकाजी के भूमिहीन कैंप की एक स्थानीय महिला ने कहा कि वह पिछले 40 साल से यहां पर रह रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद कुछ नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि उनका नाम पहले लिस्ट में था, लेकिन उनके पास राशन कार्ड ने होने की वजह से आवेदन रद्द कर दिए गए। महिला ने सवाल किया कि कहीं पर भी जातें हैं, तो हर जगह आधार कार्ड स्वीकार किए जाते हैं। इसके अलावा अन्य लोगों ने बताया कि नोटिस में कहा गया कि कल बुलडोजर चला दिया जाएगा, जिसकी वजह से वह अपना मकान खाली कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने दी मंजूरी
बता दें कि 6 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने भूमिहीन कैंप को ध्वस्त करने को लेकर बड़ा आदेश सुनाया था। कोर्ट ने कहा कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वाले लोग अपना कब्जा बनाए रखने का दावा नहीं कर सकते हैं, जब तक कि उनके पुनर्वास के दावों का समाधान नहीं हो जाता है। याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि DDA की तोड़फोड़ की कार्रवाई को रोके के साथ नीति के तहत उन्हें फिर से बसाए जाए।
हालांकि कोर्ट ने उनकी मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके पास पुनर्वास का संवैधानिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह आदेश सुनाते हुए कहा कि DDA कालकाजी के भूमिहीन कैंप पर डिमोलिशन की कार्रवाई कर सकता है।