डीके अस्पताल में चुनौतीपूर्ण सर्जरी: आंख से होते हुए दिमाग तक जा घुसी पूजा की घंटी

दिवाली की रात बिलासपुर में एक दस वर्षीय मासूम बच्ची के साथ एक दर्दनाक हादसा हो गया। खेलते-खेलते गिरी बच्ची की आंखों में पूजा की घंटी जा घुसी।

Updated On 2025-10-25 11:31:00 IST

रायपुर। खेलते-खेलते गिरी बच्ची की आंखों में पूजा की घंटी जा घुसी। घंटी आंख के एक हिस्से को क्षतिग्रस्त करते हुए मस्तिष्क तक पहुंच गई। गंभीर हालत में बिलासपुर सिम्स से डीके हॉस्पिटल भेजी गई 9 साल की बच्ची का आनन-फानन ऑपरेशन हुआ। डॉक्टरों की विशेष टीम ने चुनौतीपूर्ण सर्जरी पूरी कर घंटी बाहर निकालने के साथ आंख और दिमाग को किसी तरह नुकसान होने से बचा लिया। बच्ची को पूर्ण रूप से स्वस्थ होने तक हॉस्पिटल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।

बताया जाता है कि, दिवाली के दिन बच्ची खेलते हुए गिरी थी और पूजा के सामान के साथ रखी घंटी उसके चेहरे पर लगी थी। घंटी सीधे उसकी बांई आंख में घुसकर दिमाग तक पहुंच गई थी। हादसे का शिकार हुई बच्ची को घरवाले उपचार के लिए बिलासपुर के शासकीय मेडिकल कालेज ले गए थे। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे उसी हालत में डीके हॉस्पिटल भेजा गया था।

सर्जरी के बाद वह खतरे से बाहर
मासूम बच्ची के केस के बारे में जानने के बाद डीकेएस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की अधीक्षक डॉ. शिप्रा शर्मा एवं उप अधीक्षक डॉ हेमंत शर्मा ने न्यूरोसर्जरी और नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों की विशेष टीम बनाकर जरूरी ऑपरेशन की तैयारी कर ली थी। बच्ची के आने के बाद आवश्यक जांच कर उसे ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। दूरबीन की मदद से चुनौती भरा ऑपरेशन पूरा करने के बाद घंटी को दिमाग के क्षतिग्रस्त हिस्से से बाहर निकालकर रिपेयर किया गया था। इसके बाद नेत्ररोग विशेषज्ञों ने घंटी से क्षतिग्रस्त आंख की सफलतापूर्वक मरम्मत की। बच्ची को आवश्यक इलाज के लिए अभी डीके हॉस्पिटल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। सर्जरी के बाद वह खतरे से बाहर बताई गई है।

सुबह-सुबह ऑपरेशन
लक्ष्मी पूजा को देर रात बच्ची को डीके हॉस्पिटल गया था। अवकाश होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को एकत्र किया और तमाम जांच के बाद बच्ची का सफलता के साथ ऑपरेशन पूरा किया। न्यूरो सर्जन डॉ. राजीव साहू ने बताया कि यह केस इसलिए भी अनोखा था, क्योंकि घंटी आंखों में घुसने के बाद रेटिना और आईबॉल को डेमैज नहीं कर पाई थी।

न्यूरो टीम ने दिमाग, नेत्र विशेषज्ञों ने बचाई आंख
राज्य में अपनी तरह के इस पहले केस को पूरा करने के लिए न्यूरो सर्जन डॉ. राजीव साहू, डॉ. लवलेश राठौड़ तथा डॉक्टर नमन चंद्राकर, नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. प्रांजल मिश्रा एवं एनेस्थीसिया से डॉ देवश्री की टीम बनाई गई। न्यूरो सर्जरी के डॉक्टरों ने उसके मस्तिष्क के डेमेज हिस्से का इलाज किया और आंखों के डॉक्टरों ने आंखों का उपचार कर रोशनी जाने से बचा ली।

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