'महाकुंभ से निकले अनेक अमृत': मैं नहीं हम की भावना से उमड़ा श्रद्धा का जनसैलाब...PM मोदी का संसद में भाषण; देखें वीडियो

PM Modi Parliament Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (18 मार्च) को संसद को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि महाकुंभ में अनेक अमृत निकले हैं। एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद है।

Updated On 2025-03-18 16:40:00 IST
PM Modi Parliament Speech

PM Modi Parliament Speech: संसद का बजट सत्र चल रहा है। 4 अप्रैल तक चलने वाले सत्र का मंगलवार (18 मार्च) को 5वां दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद को संबोधित किया। PM मोदी ने 'प्रयागराज महाकुंभ' पर स्पीच दी। मोदी ने कहा कि महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं। एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद है। महाकुंभ ऐसा आयोजन रहा जिसमें देश के हर क्षेत्र, कोने से आए लोग एक हो गए। लोग अहम त्यागकर मैं नहीं हम की भावना से प्रयागराज में जुटे। अलग-अलग भाषा, बोली बोलने वाले लोग संगम तट पर हर-हर गंगे का उद्घोष करते हैं तो 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की झलक दिखती है। 

शंकाओं-आशंकाओं को भी जवाब दिया 
पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजन राष्ट्रीय चेतना, राष्ट्र के नए संकल्पों की तरफ ले जाती है, ये उनकी सिद्धि के लिए प्रेरित करती है। महाकुंभ ने शंकाओं-आशंकाओं को भी जवाब दिया है, जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहती हैं। पूरे विश्व ने महाकुंभ के रूप में भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए। ये जनता जनार्दन का, जनता के संकल्पों के लिए और जनता की श्रद्धा से प्रेरित महाकुंभ था। महाकुंभ में हमने राष्ट्रीय चेतना के जागरण के विराट दर्शन किए।  

आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण 
मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष अयोध्या मे राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा में देखा था कि कैसे देश अगले 1000 साल के लिए तैयार हो रहा है। एक साल बाद महाकुंभ के आयोजन ने ये दिखा दिया है। मोदी ने कहा कि मानव जीवन और देश के लिए कई ऐसे अवसर आते हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बन जाते हैं। हमारे लिए भी ऐसे पल आए हैं, जब देश को एक कर दिया गया।

मॉरिशस में भी दिखा महाकुंभ का उत्साह 
पीएम मोदी ने कहा कि उमंग और उत्साह सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था। बीते हफ्ते मैं मॉरिशस में था। त्रिवेणी से महाकुंभ के समय का पावन जल लेकर गया था। उस पवित्र जल को मॉरिशस के गंगा तालाब में अर्पित किया। श्रद्धा-आस्था और उत्सव का महौल देखते ही बनता था। ये दिखाता है कि हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति और संस्कारों को आत्मसात करने की, उत्सव मनाने की भावना कितनी प्रबल हो रही है।

'भक्ति आंदोलन में आध्यात्मिक चेतना उभरी'
मोदी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि गंगा जी को धरती पर लाने के लिए बहुत प्रयास लगा था। वैसा ही महाप्रयास इस महाकुंभ के भव्य आयोजन में भी हमने देखा।  मोदी ने कहा कि भक्ति आंदोलन में हमने देखा कि देश में आध्यात्मिक चेतना उभरी। विवेकानंद जी ने शिकागों में एक सदी पहले भाषण दिया था, उसने भी ऐसा ही किया। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, भगत सिंह की शहादत, नेताजी की दिल्ली चलो जयघोष, गांधीजी का दांडी मार्च। ऐसे ही प्रयासों से प्रेरणा पाकर भारत ने आजादी हासिल की।

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