Sambhal Mosque Row: जामा मस्जिद के शाही इमाम की PM मोदी से भावुक अपील, बुखारी बोले- मुसलमानों का दिल जीतिए

Sambhal Mosque Row: सैयद अहमद बुखारी ने मस्जिद सर्वे पर बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए तीन हिंदुओं और मुसलमानों के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से तेजी से कार्रवाई करने की अपील की।

Updated On 2024-12-07 10:13:00 IST
Syed Ahmed urged PM Narendra Modi

Sambhal Mosque Row: दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने देश में मस्जिदों के सर्वे को लेकर बढ़ रहे तनाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से तुरंत कदम उठाने की भावुक अपील की है। शुक्रवार की जुमे की नमाज के दौरान उन्होंने मुस्लिम युवाओं से संयम बनाए रखने का अनुरोध किया और सरकार से हिंदू-मुस्लिम सौहार्द बनाए रखने की गुज़ारिश की।

प्रधानमंत्री को न्याय करना चाहिए: इमाम बुखारी
शाही इमाम ने कहा, "प्रधानमंत्री को उस कुर्सी के साथ न्याय करना चाहिए जिस पर वे बैठे हैं। मुसलमानों का दिल जीतें और उन तत्वों को रोकें जो देश का माहौल खराब कर रहे हैं।" उन्होंने भावुक होकर कहा, "हम 1947 से भी बुरे हालात में खड़े हैं। किसी को नहीं पता कि देश किस दिशा में जाएगा।" इमाम ने सुझाव दिया कि हिंदू और मुसलमानों के तीन-तीन प्रतिनिधियों को बुलाकर बातचीत कराई जाए, ताकि विवादित मुद्दों का समाधान निकाला जा सके।

संभल मस्जिद विवाद, 24 नवंबर को हिंसा भड़की
यह अपील उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के बाद सामने आई। 19 नवंबर को अदालत ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि यह स्थान पहले हरिहर मंदिर था। 24 नवंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई। पथराव की घटना में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य, जिनमें अधिकारी और स्थानीय लोग शामिल थे, घायल हो गए।

अजमेर शरीफ दरगाह पर भी विवाद
संभल के अलावा राजस्थान के अजमेर में भी धार्मिक स्थल को लेकर विवाद चल रहा है। एक याचिका में दावा किया गया है कि अजमेर शरीफ दरगाह एक प्राचीन शिव मंदिर के ऊपर बनाई गई है। इस याचिका पर 27 नवंबर को अजमेर की अदालत ने सुनवाई करते हुए ASI, अजमेर दरगाह कमेटी और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को नोटिस जारी किया।

माहौल बिगाड़ने पर चिंता
इमाम बुखारी ने कहा, "ASI ने हमें भरोसा दिलाया है कि दिल्ली की जामा मस्जिद का सर्वे नहीं किया जाएगा, लेकिन सरकार को संभल, अजमेर और अन्य जगहों पर किए जा रहे सर्वे पर गंभीरता से सोचना चाहिए। यह देश के लिए सही नहीं है।" उन्होंने चेताया कि पलों की गलती से सदियों ने सजा पाई है। आखिर कब तक हिंदू-मुसलमान और मंदिर-मस्जिद का मुद्दा चलता रहेगा? देश कब तक ऐसे ही विभाजित रहेगा? शाही इमाम का यह बयान मस्जिदों और धार्मिक स्थलों पर बढ़ते विवादों के बीच शांति बनाए रखने और विवाद सुलझाने की अपील के रूप में देखा जा रहा है।

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