Diwali 2024: दिवाली पर दीया जलाते वक्त इन बातों का रखें खास ध्यान, जान लें दीपक जलाने के 7 जरूरी नियम

Diwali 2024: दीपावली पर्व पर सभी अपने घर के हर कमरे, पूजास्थल पर, द्वार, आंगन, बालकनी आदि सभी जगहों पर दीप जलाते हैं। लेकिन इन्हें जलाने और सजाकर रखने से जुड़े नियमों का ध्यान रखें तो घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।

Updated On 2024-10-30 17:48:00 IST
Diwali 2024

Diwali Preparation Major Tips: दीपावली पर्व यानी दीपों का त्योहार, इसका नाम ही दियों पर आधारित है। जाहिर है, दीपों को प्रज्ज्वलित करने से ही दीपावली का वास्तविक रूप प्रकट होता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार सामान्य दिनों में भी पूजा के समय दीपक जलाना अनिवार्य माना गया है। पूजास्थल पर घी का दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इससे घर में लक्ष्मी का स्थायी रूप से निवास होता है। लेकिन दीपक जलाने के दौरान जानकारी के अभाव में लोग छोटी-छोटी ऐसी गलतियां करते हैं, जिससे दीप प्रज्ज्वलन के शुभ फल प्राप्त नहीं होते। इसलिए हम आपको बता रहे हैं कि इस दीपावली पर दीप जलाएं तो किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें।

मुख्य द्वार पर दीपक
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक प्रज्ज्वलित करना बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि शाम के समय मां लक्ष्मी के आने का समय माना गया है। लेकिन दीए को सही जगह पर स्थापित करना भी महत्वपूर्ण है। मुख्य द्वार पर दीपक हमेशा दाईं ओर जलाना चाहिए, जो घर से निकलते समय दाहिनी तरफ हो। इस बात का खास ध्यान रखें कि दीपक का मुख पश्चिम दिशा में ना हो।

उपयुक्त तेल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दीपक जलाने के लिए गाय के घी या फिर सरसों और तिल के तेल का उपयोग करना चाहिए। लेकिन देव पूजन के लिए हमेशा घी के दीए ही जलाने चाहिए।

दीपक का मुख
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दीपक का मुख हमेशा पूर्व या फिर उत्तर दिशा में होना चाहिए। सनातन धर्म में इन दोनों ही दिशाओं को बेहद शुभ माना गया है। ऐसे में इस ओर दीए का मुख रखना कल्याणकारी होता है। गलत दिशा में रखे गए दीपक से हानि हो सकती है।

खंडित दीया ना जलाएं
दीया जलाने से पहले यह जांच लें कि वह खंडित और गंदा ना हो। खासकर पूजा करते समय साफ-सुथरे और अखंडित दीए का ही उपयोग करें। खंडित दीए का प्रयोग पूजा में किसी भी स्थिति में नहीं करना चाहिए। यह आपकी अपूर्ण आस्था का प्रतीक माना जाता है। ऐसा करने से घर में नकारात्मकता आ सकती है।

दीपक की बाती
भगवान की आरती जिस दीपक से करें उसमें सही बाती का प्रयोग करें। जब भी आप घी का दीपक लगाएं तो फूल बत्ती का इस्तेमाल करें। अगर तेल का दीपक लगा रहे हैं तो इसमें लंबी बाती लगाएं। दीपक की बाती हमेशा रूई की हो इसका ध्यान रखें।

दीयों की संख्या
पूजा करते समय जलाए जा रहे दीपों को पंचदीप कहा जाता है, जिन्हें आरती के समय जलाना सर्वोत्तम माना जाता है। इसमें घी के पांच दीपों को प्रज्ज्वलित किया जाता है। लेकिन सामान्य तौर पर घरों में प्रतिदिन की आरती में एक दीए का भी इस्तेमाल किया जाता है। वैसे 1,5 या 7 अथवा कोई भी विषम संख्या में दीप जलाकर आरती करने का विधान है।

ना बुझे ज्योत
पूजा या किसी शुभ कार्य के लिए जलाए गए दीयों को सावधानी से जलाएं। उनमें भरपूर घी और बाती को भी अच्छे से डालें। ताकि पूजा समाप्त होने तक दीपक जलता रहे। साथ ही बीच-बीच में भी उसकी बाती देखते रहें, उसमें घी देते रहें। इससे दीया जलता रहता है। दीयों का बीच में ही बुझ जाना अपशकुन माना जाता है।

इन बातों का ध्यान रखकर अगर दीप प्रज्ज्वलित करेंगी तो घर- परिवार में शुभता बनी रहेगी, सुख-समृद्धि का वास होगा। 

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