Fake Medicine: असली समझकर नकली दवा तो नहीं खा रहे? ऐसे पता करें मेडिसिन असली है या नहीं
Fake Medicine: बाजार में असली के नाम पर नकली दवाएं भी मिलती हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम इस बार की पुष्टि पहले कर लें कि दवा असली है या नहीं।
नकली दवा की पहचान के लिए टिप्स।
Fake Medicine: बीमारियों से राहत पाने के लिए हम डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लेते हैं और मेडिकल स्टोर पर पूरा भरोसा करते हैं कि हमें वही दवा मिलेगी जो इलाज में असरदार होगी। लेकिन सोचिए अगर वही दवा नकली निकले तो? न सिर्फ बीमारी ठीक नहीं होगी बल्कि शरीर को और नुकसान हो सकता है।
दरअसल, देशभर में नकली दवाओं का जाल तेजी से फैल रहा है। हूबहू असली जैसी दिखने वाली नकली दवाएं बाजार में बेची जा रही हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि सिर्फ दवा लेना काफी नहीं, बल्कि उसकी असलियत को पहचानना और सतर्क रहना भी उतना ही जरूरी है।
नकली दवा कैसे पहचानें?
पैकेजिंग को ध्यान से देखें
असली दवा की पैकिंग पर ब्रांड का लोगो, मैन्युफैक्चरिंग डेट, एक्सपायरी डेट, बैच नंबर और एमआरपी साफ और स्पष्ट लिखा होता है। वहीं नकली दवाओं में यह जानकारी या तो गायब होती है या बहुत हल्की छपी होती है। यदि दवा की पैकिंग फटी हुई या संदिग्ध लगे, तो सतर्क हो जाएं।
क्यूआर कोड स्कैन करें
आजकल ज्यादातर ब्रांडेड दवाओं में क्यूआर कोड या होलोग्राम होता है। इसे मोबाइल से स्कैन करने पर कंपनी की वेबसाइट से जुड़ी पूरी जानकारी मिल जाती है। अगर स्कैन करने पर कोई डेटा न मिले या गलत जानकारी दिखे, तो समझें दवा नकली है।
लोगो और फॉन्ट की जाँच करें
नकली दवाओं में अक्सर ब्रांड का लोगो थोड़ा टेढ़ा, धुंधला या हल्का छपा होता है। फॉन्ट भी अलग या बेतरतीब दिख सकता है। अगर आपको पैकिंग में कोई भी चीज अजीब लगे, तो उस दवा को न खरीदें।
प्राइस टैग की जांच करें
असली दवाओं पर एमआरपी और टैक्स की जानकारी स्पष्ट होती है। अगर दवा की कीमत बाजार से बहुत कम लग रही हो, तो शक करें। कई बार भारी छूट के नाम पर नकली दवाएं बेची जाती हैं।
विश्वसनीय मेडिकल स्टोर से ही खरीदें
हमेशा वही दवा दुकान चुनें जहां बिल दिया जाए और फार्मासिस्ट मौजूद हो। लोकल, बिना लाइसेंस वाले स्टोर से दवाएं न खरीदें, खासकर तब जब पैकिंग या ब्रांड अज्ञात लगे।
(कीर्ति)