Adrak Tulsi Kadha: अदरक-तुलसी का काढ़ा 5 बीमारियां नहीं आने देगा पास, बनाने का ये तरीका करें ट्राई

Adrak Tulsi Kadha: अदरक और तुलसी से बना काढ़ा शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। जानते हैं इससे मिलने वाले लाभ और बनाने की विधि के बारे में।

Updated On 2025-09-13 21:05:00 IST
अदरक-तुलसी का काढ़ा पीने के फायदे और बनाने का तरीका।

Adrak Tulsi Kadha: अदरक और तुलसी से तैयार होने वाला काढ़ा दादी-नानी का बताया एक जबरदस्त नुस्खा है। अदरक-तुलसी का काढ़ा न सिर्फ शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करता है, बल्कि ये कई अन्य बीमारियों से भी बचाने में मददगार होता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए ये काढ़ा असरदार हो सकता है।

आयुर्वेद में अदरक और तुलसी दोनों को प्राकृतिक औषधि माना गया है। अदरक शरीर की गर्मी को संतुलित कर पाचन सुधारता है, वहीं तुलसी सांस से जुड़ी बीमारियों से बचाव करती है। दोनों का मेल एक बेहतरीन इम्युनिटी बूस्टर का काम करता है।

अदरक-तुलसी काढ़ा के फायदे

सर्दी-जुकाम से बचाव: अदरक और तुलसी दोनों में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ पायी जाती हैं। नियमित रूप से इस काढ़े को पीने से खांसी, जुकाम और गले की खराश जैसी मौसमी समस्याएं दूर रहती हैं।

इम्यूनिटी को करता है मजबूत: यह काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। तुलसी में मौजूद फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स इम्युन सिस्टम को एक्टिव रखते हैं, जिससे इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है।

डाइजेशन सिस्टम सुधारता है: अदरक गैस, अपच और पेट दर्द जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। तुलसी भी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है। काढ़ा पीने से भूख सही लगती है और पाचन बेहतर होता है।

रेस्पिरेटरी डिजीज में फायदेमंद: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सांस की अन्य दिक्कतों में यह काढ़ा बेहद लाभकारी है। यह बलगम को ढीला करता है और सांस लेने में आसानी देता है।

तनाव और थकान को करता है दूर: तुलसी में एडाप्टोजेनिक गुण पाए जाते हैं, जो तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्रदान करने में मदद करते हैं। अदरक शरीर को ऊर्जा देकर थकान दूर करता है।

अदरक-तुलसी का काढ़ा बनाने की विधि

अदरक और तुलसी से काढ़ा आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसके लिए एक पैन में 2 कप पानी डालकर उबालें। इसमें 5-6 तुलसी की पत्तियां और 1 इंच कद्दूकस किया हुआ अदरक डालें।

चाहें तो इसमें काली मिर्च और दालचीनी भी डाल सकते हैं। पानी आधा रह जाने तक इसे उबालें। गैस बंद कर इसे छान लें और स्वादानुसार शहद या गुड़ डालकर पिएं।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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लेखक: (कीर्ति)

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