Flaxseed Benefits: अलसी खाने के 3 तरीके सेहत रखेंगे दुरुस्त, दिल से लेकर पाचन तक में होगा सुधार

Flaxseed Benefits: अलसी के बीजों में सेहत का खज़ाना छिपा हुआ है। इसे खाने से शरीर को बड़े फायदे मिल सकते हैं।

Updated On 2025-10-21 19:52:00 IST

अलसी खाने के फायदे।

Flaxseed Benefits: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हेल्दी डाइट बनाए रखना मुश्किल हो गया है। हालांकि आप रोजमर्रा की जिंदगी में सिर्फ अलसी शामिल कर लें तो यह शरीर की सेहत को अंदर से दुरुस्त कर सकती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अलसी को सुपर सीड माना जाता है। यह दिल की सेहत से लेकर स्किन और पाचन तक को बेहतर बनाती है।

ज़्यादातर लोग अलसी को सही तरीके से नहीं खाते, जिससे इसका पूरा फायदा नहीं मिल पाता। अगर इसे सही तरीके से डाइट में शामिल किया जाए, तो यह कोलेस्ट्रॉल कम करने, वजन घटाने और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी मददगार साबित होती है। आइए जानते हैं अलसी खाने के 3 असरदार तरीके, जो शरीर को अंदर से मजबूत और बाहर से फिट बनाएंगे।

अलसी खाने का तरीका एवं फायदे

सुबह खाली पेट भुनी अलसी खाना: सुबह खाली पेट एक चम्मच भुनी हुई अलसी खाना बेहद फायदेमंद होता है। इसे हल्का भूनकर खाने से इसके पोषक तत्व और बेहतर तरीके से शरीर में अवशोषित होते हैं।

यह तरीका खासकर उन लोगों के लिए अच्छा है जिन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल या कब्ज की समस्या रहती है। नियमित सेवन से पाचन दुरुस्त रहता है और पेट लंबे समय तक भरा महसूस होता है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है।

अलसी पाउडर को स्मूदी या दूध में मिलाकर पीना: अगर आप सुबह का नाश्ता हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो अलसी पाउडर को स्मूदी, दूध या दही में मिलाकर पी सकते हैं।

एक गिलास दूध या जूस में 1 टीस्पून अलसी पाउडर डालें और मिक्स करें। यह ड्रिंक ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो दिल की सेहत सुधारता है और बालों को मजबूत बनाता है। डेली 1 टीस्पून अलसी पाउडर लेने से स्किन भी ग्लो करने लगती है।

खाने में शामिल करें अलसी ऑयल या सीड्स: अलसी को अपनी डेली डाइट का हिस्सा बनाना सबसे आसान तरीका है। आप इसे सलाद, दाल या सूप पर टॉपिंग के रूप में छिड़क सकते हैं।

इसके अलावा मार्केट में मिलने वाला फ्लैक्ससीड ऑयल भी बहुत फायदेमंद होता है, जिसे ड्रेसिंग या स्मूदी में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तरीका उन लोगों के लिए बेहतरीन है जिन्हें हार्ट डिजीज या जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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