Loose Motions: मानसून में बच्चे का हाजमा खराब होकर शुरू हो गए हैं लूज़ मोशन? 6 देसी उपाय आएंगे काम
Loose Motions Home Remedies: बारिश के दिनों में बच्चों को लूज मोशन होना कॉमन समस्या है। ऐसी सूरत में कुछ घरेलू उपाय मददगार साबित हो सकते हैं।
बच्चे के लूज मोशन के लिए घरेलू उपाय।
Loose Motions Home Remedies: बच्चों को लूज मोशन यानी दस्त होना एक आम समस्या है, जो अक्सर वायरल इंफेक्शन, खराब खानपान या मौसम में बदलाव की वजह से होती है। इस दौरान बच्चों का शरीर तेजी से पानी और जरूरी लवण खो देता है, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में तुरंत इलाज और सही घरेलू उपाय बेहद जरूरी हो जाते हैं ताकि बच्चा जल्दी ठीक हो सके और कमजोरी से बचाया जा सके।
हर बार डॉक्टर की दवा देने की जरूरत नहीं होती, खासकर जब लक्षण हल्के हों। कुछ घरेलू नुस्खे ऐसे हैं जो सालों से अपनाए जा रहे हैं और छोटे बच्चों पर असरकारक भी माने जाते हैं। ये नुस्खे बच्चे की आंतों को आराम देते हैं, डिहाइड्रेशन से बचाते हैं और दस्त की तीव्रता कम करते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 6 असरदार घरेलू उपाय...
ORS (ओआरएस) का घोल दें
ORS शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है। बाजार में उपलब्ध पैकेट से ORS घोल बनाकर हर थोड़ी देर में बच्चे को चम्मच से दें। आप घर पर एक गिलास पानी में 6 चम्मच चीनी और आधा चम्मच नमक डालकर भी घोल बना सकते हैं।
केला और चावल का पानी (Rice Water)
केला पचने में आसान होता है और दस्त को कंट्रोल करने में मदद करता है। साथ ही, चावल का मांड (पानी) शरीर में एनर्जी देता है और आंतों को शांत करता है। यह 6 महीने से बड़े बच्चों को दिया जा सकता है।
साबुत जीरा और सौंफ का पानी
1 चम्मच जीरा और 1 चम्मच सौंफ को पानी में उबालें, फिर ठंडा करके बच्चे को दिन में 2-3 बार पिलाएं। यह पेट को ठंडक देता है और पाचन ठीक करता है।
सेब का मिक्स किया हुआ पेस्ट (Apple Sauce)
सेब में पेक्टिन होता है, जो दस्त को कंट्रोल करने में सहायक होता है। सेब को उबालकर पेस्ट बना लें और ठंडा होने पर बच्चे को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खिलाएं।
दही और छाछ का सेवन
दही में मौजूद प्रॉबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। इससे आंतों की सफाई होती है और लूज मोशन जल्दी ठीक होते हैं। थोड़ा नमक और भुना जीरा डालकर दही या छाछ दें।
नारियल पानी
नारियल पानी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है। यह दस्त के दौरान एनर्जी और हाइड्रेशन देने में मददगार होता है।
नोट
- अगर बच्चा बहुत सुस्त दिखे, पेशाब कम आए, बार-बार उल्टी हो या 24 घंटे से ज्यादा दस्त चलें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- इन उपायों को 6 महीने से ऊपर के बच्चों पर ही आजमाएं।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/ डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)