Pelvic Muscles: 5 एक्सरसाइज़ जो मजबूत बनाएंगी पेल्विक मसल्स, ओवरऑल बॉडी पोश्चर भी सुधरेगा

Pelvic Muscles: पेल्विक मसल्स का मजबूत होना जरूरी होता है। इसे स्ट्रॉन्ग बनाने में कुछ व्यायाम मददगार हो सकते हैं।

Updated On 2025-10-19 11:06:00 IST

पेल्विक मसल्स मजबूत बनाने के लिए एक्सरसाइज़।

Pelvic Muscles: पेल्विक मसल्स यानी हमारे शरीर का वह हिस्सा जो निचले पेट, कमर और हिप्स को सपोर्ट करता है। अक्सर लोग इन मसल्स को इग्नोर कर देते हैं, जबकि ये शरीर की स्टेबिलिटी, बैलेंस और बॉडी पोश्चर को बनाए रखने में बेहद जरूरी भूमिका निभाती हैं। कमजोर पेल्विक मसल्स से कमर दर्द, बैक स्ट्रेन, यूरिन लीकेज और बॉडी असंतुलन जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं।

अगर आप दिनभर बैठकर काम करते हैं या बहुत देर तक खड़े रहते हैं, तो पेल्विक मसल्स की एक्सरसाइज़ आपके लिए जरूरी हैं। ये न केवल इस क्षेत्र की मजबूती बढ़ाती हैं, बल्कि ओवरऑल बॉडी पोस्टर, बैलेंस और कोर स्ट्रेंथ को भी सुधारती हैं।

5 एक्सरसाइज़ पेल्विक एरिया बनाएंगी स्ट्रॉन्ग

केगल एक्सरसाइज़: पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत बनाने के लिए यह सबसे बेसिक और असरदार एक्सरसाइज़ है। इसमें आपको अपने पेल्विक एरिया की मांसपेशियों को 5 सेकंड तक टाइट करके रखना होता है, फिर धीरे-धीरे छोड़ना होता है। इसे 10-15 बार दोहराएं। नियमित अभ्यास से पेशाब रोकने की क्षमता बेहतर होती है और ब्लैडर कंट्रोल बढ़ता है।

ब्रिज पोज़: पीठ के बल लेट जाएं, घुटनों को मोड़ें और पैरों को ज़मीन पर रखें। अब धीरे-धीरे अपनी कमर को ऊपर उठाएं और कुछ सेकंड रोकें। यह एक्सरसाइज़ न केवल पेल्विक मसल्स बल्कि हिप्स, थाई और बैक को भी मजबूत बनाती है। इसे रोज़ाना 10-12 बार करें।

स्क्वैट्स: स्क्वैट्स से पूरे निचले शरीर की मसल्स एक्टिव होती हैं। पैरों को कंधे की चौड़ाई जितना खोलकर खड़े हों, फिर धीरे-धीरे नीचे बैठें और वापस खड़े हो जाएं। यह एक्सरसाइज़ ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है और हिप्स को टोन करती है।

पेल्विक टिल्ट: पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें। पेट को अंदर की ओर खींचें और निचली कमर को फर्श से सटा लें। कुछ सेकंड रोकें और फिर सामान्य स्थिति में लौटें। यह एक्सरसाइज़ पेल्विक फ्लोर और लोअर एब्स को स्ट्रॉन्ग बनाती है और बैक पेन को कम करती है।

चाइल्ड पोज़: योग का यह पोज़ शरीर को रिलैक्स करता है और पेल्विक मसल्स में फ्लेक्सिबिलिटी लाता है। ज़मीन पर घुटनों के बल बैठें, शरीर को आगे झुकाएं और माथा फर्श पर टिकाएं। हाथों को आगे की ओर फैलाएं और गहरी सांस लें। इसे रोज़ 2-3 मिनट तक करें।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)

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