लखनऊ: 69,000 शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का जोरदार प्रदर्शन, डिप्टी CM केशव मौर्य के आवास का किया घेराव
up 69000 teacher recruitment: लखनऊ में डिप्टी सीएम केशव मौर्य के आवास के बाहर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर हाईकोर्ट के फैसले को लागू न की।
69,000 शिक्षक भर्ती को लेकर लखनऊ में हंगामा
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के सामने 69,000 शिक्षक भर्ती मामले ने फिर से तूफान खड़ा कर दिया है। रविवार (24 अगस्त) को सैकड़ों नाराज अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव कर दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर इको गार्डेन भेज दिया गया।
अभ्यर्थी क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन ?
अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर हाईकोर्ट के फैसले को लटका दिया। 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाईकोर्ट के डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, लेकिन सरकार ने इसे लागू करने में जानबूझकर देरी की। इससे मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला वर्ष 2018 में शुरू हुई 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का आरोप है कि परिणाम आने पर उनके साथ भेदभाव किया गया और उन्हें नौकरी से वंचित रखा गया। इस मामले में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाईकोर्ट के डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया और नियमानुसार नियुक्ति देने का आदेश दिया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर इस फैसले को लटका दिया, जिससे मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के पास पर्याप्त समय था कि वह हाईकोर्ट के फैसले का पालन करके सभी के साथ न्याय सुनिश्चित करती।
अब आगे क्या होगा?
अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदर्शन और तेज किया जाएगा। सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।