अपनी शादी में हर्ष फायरिंग पड़ी महंगी: रोहतक के किक बॉक्सर साहिल और जेवलिन थ्रोअर अनु पर मेरठ में FIR

स्टेज पर दोनों ने राइफल से हवाई फायरिंग की और नोटों की गड्डियां उड़ाईं, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। साहिल 4 बार के नेशनल किक बॉक्सर चैंपियन हैं, जबकि अनु रानी ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता है।

Updated On 2025-11-19 15:53:00 IST

मेरठ में अपनी शादी के स्टेज पर हर्ष फायरिंग करते रोहतक के किक बॉक्सर साहिल और जेवलिन थ्रोअर अनु।

हरियाणा के किक बॉक्सर साहिल भारद्वाज और इंटरनेशनल जेवलिन थ्रोअर अनु रानी को अपनी शादी का जश्न मनाना अब महंगा पड़ गया है। दोनों ने मेरठ के एक मैरिज पैलेस में अपनी शादी के स्टेज से हर्ष फायरिंग की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इसके आधार पर मेरठ पुलिस ने साहिल और उनकी पत्नी अनु रानी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। यह घटना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि उन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए एक शर्मनाक उदाहरण है जो देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

स्टेज पर फायरिंग और नोट उड़ाए

मंगलवार रात मेरठ के एक मैरिज पैलेस में साहिल भारद्वाज और अनु रानी की शादी हुई थी। जश्न के दौरान किक बॉक्सर साहिल ने अपनी पत्नी अनु का हाथ पकड़कर राइफल से दो बार हवाई फायर किए। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई। इस दौरान, साहिल ने वरमाला के समय 10-10 के नोटों की दो गड्डियां भी पत्नी अनु के ऊपर से फेरकर उड़ाईं। इस गैर-जिम्मेदाराना आचरण को देखते हुए मेरठ पुलिस ने तत्काल संज्ञान लिया। मेरठ के विपिन ताडा ने इस बात की पुष्टि की है कि वायरल वीडियो को आधार बनाते हुए साहिल और अनु के खिलाफ सरधना थाने में आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। साहिल मूल रूप से रोहतक के सांपला से हैं और आज रोहतक में इनकी रिसेप्शन पार्टी होनी थी।

ऐसा रहा है साहिल भारद्वाज और अनु रानी का करियर

साहिल भारद्वाज स्वयं एक किक बॉक्सर हैं और वह 4 बार के नेशनल चैंपियन रह चुके हैं। उन्होंने जुलाई 2025 में छत्तीसगढ़ में हुई नेशनल चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल भी जीता था।

वहीं, उनकी पत्नी अनु रानी, खेल जगत का एक जाना-माना नाम हैं और उनका करियर अत्यंत प्रेरणादायक रहा है, लेकिन इस कृत्य ने उनके सम्मान को ठेस पहुंचाई है। मेरठ के बहादुरपुर निवासी अनु रानी का जन्म 28 अगस्त 1992 को एक किसान परिवार में हुआ था। खेल में उनकी शुरुआत खेत में गन्ने का भाला बनाकर फेंकने से हुई थी। उनके भाई उपेंद्र ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और इस खेल में जाने के लिए प्रेरित किया।

गन्ने के भाले से एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक तक का सफर

अनु रानी ने शुरुआती सामाजिक बाधाओं को पार कर अपने पिता अमरपाल सिंह को भी खेलने की इजाजत देने के लिए मनाया। उन्होंने 2014 में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर अपने शानदार करियर की शुरुआत की। 2019 में वह विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिला भाला फेंक के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

उनकी सफलता यहीं नहीं रुकी। उन्होंने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कांस्य पदक जीतकर इस स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भाला फेंक खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया। अनु रानी ने करियर के शिखर को तब छुआ जब उन्होंने 2023 में हांगझोऊ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता। इस जीत ने उन्हें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ भाला फेंक खिलाड़ियों में स्थापित कर दिया। हालांकि वह 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई नहीं कर पाई थीं, लेकिन उन्हें रैंकिंग कोटा के माध्यम से वहां स्थान मिला।

कानूनी रूप से एक गंभीर अपराध

अपनी खुशी में सार्वजनिक रूप से हवाई फायरिंग और नोट उड़ाना न केवल कानूनी रूप से एक गंभीर अपराध है, बल्कि यह खेल की मर्यादा और नैतिक जिम्मेदारी के भी खिलाफ है। मेरठ पुलिस द्वारा की गई FIR यह स्पष्ट करती है कि कानून सबके लिए समान है, चाहे व्यक्ति कोई भी हो। अब दोनों खिलाड़ियों को अपनी इस गैर-जिम्मेदाराना हरकत के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, जिसका नकारात्मक असर उनके शानदार करियर पर भी पड़ सकता है।

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