कम नशा, बड़ा फायदा: भारत में भांग की कानूनी खेती का रास्ता साफ, दर्द और कैंसर की दवा बनाने में सहायक
CSIR-CIMAP ने भांग की नई प्रजाति विकसित की है, जिसमें THC 0.3% से कम और औषधीय गुण अधिक हैं। यह किस्म कैंसर और दर्द निवारक दवाओं के लिए गेमचेंजर है।
इस शोध को अंतरराष्ट्रीय जर्नल 'फूड रिसर्च इंटरनेशनल' में भी प्रकाशित किया गया है।
लखनऊ: केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (CSIR-CIMAP) के वैज्ञानिकों ने आठ साल के गहन शोध के बाद भांग की एक ऐसी नई प्रजाति विकसित की है, जिसे चिकित्सा और कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी माना जा रहा है।
इस किस्म में नशे के लिए जिम्मेदार साइकोएक्टिव तत्व (THC) की मात्रा बेहद कम है, जबकि कैंसर रोधी और दर्द निवारक दवाओं के लिए आवश्यक उच्च औषधीय गुण मौजूद हैं। यह खोज न केवल फार्मा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि किसानों को भी पारंपरिक फसलों की तुलना में कई गुना अधिक लाभ पहुंचाने का वादा करती है।
कम THC स्तर, औषधीय उपयोग के लिए सुरक्षित
सीमैप के वैज्ञानिकों ने इस नई प्रजाति में साइकोएक्टिव तत्व टेट्राहाइड्रो-कैनाबिनोल (THC) के स्तर को 0.3% से भी नीचे लाने में सफलता पाई है। यह स्तर भारत के एनडीपीएस एक्ट और अंतर्राष्ट्रीय नारकोटिक्स कानूनों के अनुरूप है, जिससे यह किस्म औद्योगिक और औषधीय उपयोग के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और कानूनी हो जाती है। यह सफलता वैज्ञानिकों को कई चरणों के हाइब्रिडाइजेशन और जेनेटिक मूल्यांकन के बाद मिली है, जिसका उद्देश्य गैर-मादक यौगिक कैनाबिडियल (CBD) की उच्च सांद्रता को सुनिश्चित करना था।
फार्मा सेक्टर के लिए वरदान
इस नई प्रजाति में उच्च मात्रा में मौजूद CBD जैसे गैर-मादक यौगिक इसे फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए कीमती बनाते हैं। यह विशेष रूप से मिर्गी, चिंता, पुराने दर्द, और कैंसर से संबंधित लक्षणों के इलाज के लिए दवाएं बनाने में सहायक होगी।
इस शोध को प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय जर्नल 'फूड रिसर्च इंटरनेशनल' में भी प्रकाशित किया गया है, जो इसकी वैज्ञानिक प्रामाणिकता और वैश्विक महत्व को स्थापित करता है।
किसानों की आय में तीन से पांच गुना वृद्धि का दावा
विशेषज्ञों का दावा है कि औद्योगिक भांग की यह नई किस्म किसानों के लिए वरदान साबित होगी। कम नशे वाली और उच्च मांग वाली यह फसल पारंपरिक फसलों की तुलना में किसानों की आय में तीन से पांच गुना तक वृद्धि कर सकती है। इसके कम साइकोएक्टिव स्तर के कारण, किसान आबकारी विभाग से उत्पादन लाइसेंस भी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उन्हें कानूनी रूप से नियंत्रित खेती करने में सहूलियत होगी और निर्यात के नए अवसर खुलेंगे।
भारतीय कृषि और फार्मा सेक्टर में क्रांति
वैज्ञानिकों का मत है कि यह नवाचार भारतीय कृषि और फार्मा सेक्टर में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। भारत अब नियंत्रित और उच्च औषधीय मूल्य वाली भांग की खेती के माध्यम से वैश्विक औद्योगिक भांग बाजार में एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरने के लिए तैयार है।