हाई कोर्ट ने दिया झटका: नेहा सिंह राठौर की गिरफ्तारी पर रोक नहीं, 26 सितंबर को जांच में शामिल होने का आदेश

इलाहाबाद हाई ने नेहा सिंह राठौर को उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया है। यह एफआईआर उनके द्वारा कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी और देश विरोधी बयानबाजी के लिए दर्ज की गई थी।

Updated On 2025-09-22 14:37:00 IST

लखनऊ डेस्क : नेहा सिंह राठौर को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को बड़ा झटका दिया है। नेहा ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने और गिरफ्तारी से छूट देने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह एफआईआर उनके कथित आपत्तिजनक और देश विरोधी बयानों के लिए दर्ज की गई थी, जो उन्होंने सोशल मीडिया पर दिए थे। कोर्ट ने उन्हें 26 सितंबर को जांच अधिकारी के सामने पेश होने का आदेश दिया है, ताकि वह मामले की जांच में सहयोग कर सकें।

 नेहा के वकील पर कोर्ट के टिप्पणी

नेहा सिंह राठौर के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि उन्हें संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत अभिव्यक्ति की आजादी का मौलिक अधिकार प्राप्त है। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को नहीं माना। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी नागरिकों का हक जरूर है, लेकिन संविधान इस पर कुछ युक्तियुक्त प्रतिबंध लगाने की बात भी कहता है। कोर्ट ने कहा कि मामले में दर्ज एफआईआर और अब तक की विवेचना से मिले सबूतों से साफ है कि नेहा ने प्रथम दृष्टया अपराध किया है, इसलिए एफआईआर को रद्द नहीं किया जा सकता।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर की गई थी आपत्तिजनक टिप्पणी

नेहा पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। सरकारी वकील डॉ. वीके सिंह ने कोर्ट को बताया कि नेहा ने संविधान में प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन किया है। उन्होंने पाकिस्तान के साथ तनाव चरम पर होने के दौरान देश विरोधी बयानबाजी भी की, जिसकी पाकिस्तान में काफी सराहना हुई थी। इसके अलावा, बिहार चुनावों को लेकर भी उनकी बयानबाजी को अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा से बाहर बताया गया।

पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ा है मामला

नेहा सिंह राठौर के खिलाफ यह मामला अप्रैल, 2025 में लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज किया गया था। यह एफआईआर उनके एक सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ी है। इस पोस्ट में उन्होंने पहलगाम में 26 पर्यटकों को उनका धर्म पूछकर हत्या करने के बाद प्रधानमंत्री के बिहार दौरे को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी बिहार आए ताकि पाकिस्तान को धमका सकें। कोर्ट ने भी अपनी राय में कहा कि नेहा ने प्रधानमंत्री के नाम का अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल किया और भाजपा पर अपने निहित स्वार्थों के लिए पाकिस्तान के साथ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है।

जांच में सहयोग करने का निर्देश

कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ता को जांच में भाग लेने का निर्देश दिया जाता है। नेहा को 26 सितंबर को सुबह 11 बजे जांच अधिकारी के सामने उपस्थित होना होगा और पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक जांच में सहयोग करना होगा। कोर्ट ने माना है कि विवेचना नियमानुसार चल रही है और उसमें किसी भी तरह के दखल की आवश्यकता नहीं है। इस फैसले से नेहा सिंह राठौर की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।


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