योगी का 'सड़क पर संवाद': गोरखपुर में पैदल चलकर जनता से मिले, GST के फायदे और स्वदेशी पर दिया जोर
गोरखपुर की इस यात्रा के दौरान, मुख्यमंत्री ने व्यापारियों से सीधे बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। सीएम योगी ने व्यापारियों की सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देने का वादा किया।
गोरखपुर : आज से देश में GST की नई दरें लागू हो रहीं हैं, जिससे सिर्फ दो GST स्लैब - 5% और 18% ही रह गए हैं।
अब घरेलू उपयोग की कई चीजें सस्ती हो गई हैं। इनमें दूध, दही, घी, मक्खन, पनीर जैसी चीजें शामिल हैं। इसके साथ ही हाथ से बनी वस्तुएं और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद भी सस्ते हुए हैं, जिससे बाजारों में रौनक बढ़ने की उम्मीद है। दूसरी तरफ, शराब, सिगरेट, गुटखा और तंबाकू पर 40% की नई GST दर लागू होने से ये चीजें महंगी हो गई हैं।
वही आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गृह जनपद गोरखपुर में एक जन-संवाद अभियान की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर से गोरखपुर पुल से गोरखनाथ मन्दिर तक चलकर आम दुकानदारों और बाजार में मौजूद लोगों से मिले। यह पहल केवल जीएसटी में हुई कटौती के फायदे बताने तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसका उद्देश्य 'मेक इन इंडिया' और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ-साथ जनता से सीधा जुड़ाव स्थापित करना था।
जीएसटी कटौती का संदेश सीधे जनता तक
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य हाल ही में जीएसटी स्लैब में हुई कटौती के बारे में आम जनता को जागरूक करना था। योगी सरकार ने यह आदेश दिया था कि सभी मंत्री, विधायक और सांसद सड़कों पर उतरकर जीएसटी के नए प्रावधानों के फायदे लोगों को बताएं। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए फैसलों के बाद, कई रोजमर्रा की चीजें जैसे दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक सामान, और वाहन सस्ते हुए हैं। सीएम योगी ने खुद दुकानदारों से बातचीत करके यह सुनिश्चित किया कि इस कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक सही मायने में पहुंचे। उन्होंने यह भी बताया कि 12% और 28% के स्लैब को खत्म कर सिर्फ 5% और 18% के दो स्लैब रखे गए हैं, जिससे व्यापारिक प्रक्रियाएं भी सरल होंगी।
स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत पर जोर
जीएसटी के लाभों के साथ-साथ, मुख्यमंत्री ने 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' के संदेश को भी आगे बढ़ाया। उन्होंने लोगों से स्वदेशी उत्पादों को खरीदने और इस्तेमाल करने का आग्रह किया। योगी सरकार का मानना है कि जीएसटी जैसे टैक्स सुधार न केवल अर्थव्यवस्था को गति देंगे, बल्कि स्वदेशी उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। खासकर 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' (ODOP) जैसी योजनाओं से जुड़े उद्योगों को इस रिफॉर्म से बड़ा फायदा होने की उम्मीद है। सीएम योगी ने गोरखपुर में पिपरमेंट और रेडीमेड कपड़ों के कारोबार से जुड़े लोगों से बात करके यह जानने की कोशिश की कि इन सुधारों का उन पर क्या असर हो रहा है।
व्यापारियों से सीधा संवाद और सुरक्षा का भरोसा
मुख्यमंत्री ने व्यापारियों से सीधे बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। योगी सरकार ने हमेशा से व्यापारियों की सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देने का दावा किया है। सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि अब उत्तर प्रदेश में 'गुंडा टैक्स' की वसूली नहीं होती और व्यापारियों को बिना किसी डर के अपना कारोबार करने की आजादी है। उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी में पंजीकरण कराने वाले व्यापारियों को 1 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा कवर भी दिया जा रहा है। यह संवाद व्यापारियों में सरकार के प्रति भरोसा जगाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
चुनावी दृष्टिकोण और जनसंपर्क अभियान
यह पहल केवल एक सरकारी आदेश का पालन नहीं है, बल्कि इसे एक व्यापक जनसंपर्क अभियान के रूप में भी देखा जा रहा है। आगामी चुनावों को देखते हुए, भाजपा सरकार जनता से सीधा जुड़ाव बनाने पर जोर दे रही है। इस तरह के कार्यक्रम से न केवल सरकारी नीतियों का प्रचार होता है, बल्कि यह मुख्यमंत्री की छवि को एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित करता है जो जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनता है। नवरात्रि जैसे शुभ अवसर पर इस यात्रा की शुरुआत करना भी एक प्रतीकात्मक कदम है, जो सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं से जुड़ता है।
सरकार का व्यपाक अभियान
यह अभियान सिर्फ मुख्यमंत्री तक सीमित नहीं है। योगी सरकार के आदेश के बाद, सभी मंत्री, भाजपा सांसद और विधायक भी इस मुहिम में शामिल होंगे। वे अपने-अपने क्षेत्रों के बाजारों में जाकर जीएसटी स्लैब में हुई कटौती के फायदे बताएंगे। यह एक संगठित प्रयास है जिसका उद्देश्य सरकार की नीतियों के प्रति जनता के बीच जागरूकता और सकारात्मकता बढ़ाना है। यह रणनीति न केवल सरकार के फैसलों को जमीनी स्तर पर उतारने में मदद करेगी, बल्कि जनता के साथ सीधे संवाद के माध्यम से सत्ता पक्ष और लोगों के बीच की दूरी को भी कम करेगी।