UP Breaking: 23 महीने बाद जेल से रिहा होंगे आजम खान, क्या बदलेगा यूपी का सियासी गणित?
23 महीने की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की रिहाई का रास्ता आखिरकार साफ हो गया है। सीतापुर जेल में 1 साल 11 महीने 4 दिन बिताने के बाद, मंगलवार को वह जेल से बाहर आ सकते हैं।
आजम खान और सपा प्रमुख अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की रिहाई का रास्ता आखिरकार साफ हो गया है। लगभग 23 महीने बाद, मंगलवार की सुबह वह सीतापुर जेल से बाहर आ सकते हैं। उनकी रिहाई का परवाना सोमवार देर शाम जेल प्रशासन तक पहुंच गया है, जिसके बाद जेल प्रशासन ने उनकी रिहाई की तैयारी पूरी कर ली है। बीते कई दिनों से उनकी रिहाई को लेकर अटकलें चल रही थीं, लेकिन कुछ कानूनी अड़चनों के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था। अब सभी परवाने जेल पहुंचने के बाद उनके समर्थकों और परिवार में खुशी की लहर है।
क्यों हुई रिहाई में देरी?
आजम खान को विभिन्न मामलों में उच्च न्यायालय से जमानत मिल रही थी, लेकिन फिर भी उनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी। इसका मुख्य कारण कानूनी प्रक्रिया में देरी और नए मामलों में धाराओं का बढ़ना था। हाल ही में रामपुर के चर्चित क्वालिटी बार पर कब्जे के मामले में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन इसके बाद रामपुर में दर्ज एक शत्रु संपत्ति के मामले में विवेचना के दौरान तीन और गंभीर धाराएं बढ़ा दी गई थीं, जिनमें आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। इस नए मोड़ के कारण उनकी रिहाई एक बार फिर अटक गई थी। हालांकि, उनके वकीलों ने जल्द ही इस समस्या का समाधान किया और सभी मामलों में जमानत के आदेश जेल तक पहुंचाए।
सीतापुर जेल में 23 महीने का सफर
आजम खान पिछले 23 महीनों से सीतापुर जिला कारागार में बंद थे। इस दौरान उन्हें 100 से ज्यादा मामलों में आरोपी बनाया गया। इनमें से अधिकांश मामले जौहर यूनिवर्सिटी से संबंधित हैं, जिन पर सरकारी जमीन हथियाने और शत्रु संपत्ति के रिकॉर्ड में हेरफेर करने के आरोप लगाए गए थे। जेल में रहने के दौरान उनकी सेहत भी कई बार खराब हुई और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। इतने लंबे समय तक जेल में रहने के कारण उनकी राजनीतिक स्थिति पर भी असर पड़ा, और उनके समर्थक लगातार उनकी रिहाई की मांग कर रहे थे।
रिहाई के बाद रामपुर का माहौल
आजम खान की रिहाई की खबर मिलते ही उनके गृह जिले रामपुर में उनके समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता उत्साह से भर गए हैं। जेल से बाहर आने के बाद वे सीधे रामपुर जाएंगे, जहां उनके स्वागत के लिए भव्य तैयारियां की जा रही हैं। उनके आवास के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक और मीडियाकर्मी इकट्ठा हैं। माना जा रहा है कि उनकी रिहाई से समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई ऊर्जा मिलेगी।
बदलते राजनीतिक समीकरण
आजम खान की रिहाई के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। आजम खां समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ और प्रभावशाली नेता हैं, और उनकी जेल से रिहाई से पार्टी को मजबूती मिलेगी। हालांकि, उनकी रिहाई को लेकर कई तरह की अटकलें भी चल रही हैं, जिनमें उनके किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की खबरें भी शामिल हैं। हालांकि, इन अटकलों पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उनकी रिहाई के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि वह पार्टी के लिए किस तरह की भूमिका निभाते हैं और क्या वे फिर से अपने पुराने राजनीतिक दबदबे को हासिल कर पाते हैं।
जमानत और कानूनी प्रक्रिया
आजम खान को 72 मामलों में जमानत मिली है, और इसी के आधार पर उनकी रिहाई संभव हुई है। उनके वकील जुबेर अहमद खान ने बताया कि कई मामलों में परवाना जारी होने में देरी के कारण उनकी रिहाई में समय लगा। उन्होंने बताया कि कोर्ट से रिहाई से संबंधित सभी कागजात अब जेल पहुंच चुके हैं। इस पूरे मामले में कानूनी प्रक्रिया काफी जटिल रही है, जिसमें एक मामले में जमानत मिलने के बाद दूसरे मामले में नई धाराएं बढ़ा दी जाती थीं, जिससे उनकी रिहाई बार-बार अटक जाती थी। अब सभी कानूनी अड़चनें दूर होने के बाद मंगलवार सुबह उनकी रिहाई सुनिश्चित मानी जा रही है। यह उनके परिवार, समर्थकों और पार्टी के लिए एक बड़ी राहत की बात है।