IIT Delhi ने फिर बढ़ाया देश का मान: QS Asia University Rankings 2026 में भारत की नंबर-1 यूनिवर्सिटी बनी
IIT दिल्ली की यह उपलब्धि न सिर्फ संस्थान के लिए, बल्कि पूरे भारत के उच्च शिक्षा तंत्र के लिए गर्व की बात है। भारत के विश्वविद्यालय अब लगातार वैश्विक स्तर पर अपनी रिसर्च क्वालिटी, इनोवेशन और शिक्षण मानकों से नई पहचान बना रहे हैं।
नई दिल्ली: भारत के शिक्षा जगत के लिए यह गर्व का पल है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) दिल्ली ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स एशिया 2026 में IIT दिल्ली को लगातार पांचवें वर्ष भारत की शीर्ष यूनिवर्सिटी घोषित किया गया है। हालांकि इस बार IIT दिल्ली की रैंकिंग में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन भारत के कई अन्य संस्थानों ने रिसर्च, इनोवेशन और टीचिंग क्वालिटी में शानदार प्रदर्शन किया है।
IIT Delhi भारत की टॉप यूनिवर्सिटी बनी
QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 के अनुसार, IIT दिल्ली 59वें स्थान पर पहुंचा है। पिछले साल यह 44वें पायदान पर था। इसके बाद IISc बेंगलुरु को 64वां और IIT मद्रास को 70वां स्थान मिला है। रैंक में मामूली गिरावट के बावजूद भारतीय संस्थानों ने साबित कर दिया है कि वे अब एशिया के रिसर्च और एजुकेशन हब बन रहे हैं।
रिसर्च में भारत की बड़ी छलांग
इस साल भारत ने Papers Per Faculty कैटेगरी में शानदार प्रदर्शन किया है। भारत की 5 यूनिवर्सिटीज एशिया के टॉप 10 में शामिल हुई हैं। 28 संस्थान टॉप 50 में पहुंचे हैं। वहीं, पीएचडी धारक फैकल्टी के मामले में भारत के 45 संस्थान एशिया के टॉप 100 में जगह बना चुके हैं।
पिछले 10 साल में 1,125% की ग्रोथ
साल 2016 में जहां भारत के केवल 24 विश्वविद्यालय QS एशिया रैंकिंग में शामिल थे, वहीं 2026 में यह संख्या 294 पहुंच गई है — यानी करीब 1,125% की वृद्धि। भारत अब चीन (395 विश्वविद्यालय) के बाद एशिया में दूसरे स्थान पर है। इस बार 7 भारतीय संस्थान टॉप 100 में, 20 टॉप 200 में और 66 टॉप 500 में शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति में सुधार की जरूरत
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अभी भी इंटरनेशनलाइजेशन यानी विदेशी छात्रों और शिक्षकों की संख्या के मामले में पीछे है। QS एशिया 2026 में हांगकांग यूनिवर्सिटी ने पहला स्थान हासिल किया है, जिसने पेकिंग यूनिवर्सिटी (चीन) को पीछे छोड़ दिया।
भारतीय शिक्षा की बढ़ती ताकत
IIT दिल्ली की यह उपलब्धि न सिर्फ संस्थान के लिए, बल्कि पूरे भारत के उच्च शिक्षा तंत्र के लिए गर्व की बात है। भारत के विश्वविद्यालय अब लगातार वैश्विक स्तर पर अपनी रिसर्च क्वालिटी, इनोवेशन और शिक्षण मानकों से नई पहचान बना रहे हैं।