हुरुन इंडिया रिपोर्ट: मुंबई सबसे अमीर शहर, महाराष्ट्र में 1.78 लाख करोड़पति; जानें 10 रिचेस्ट स्टेट
मर्सिडीज-बेंज हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट 2025 के अनुसार, महाराष्ट्र 1.78 लाख करोड़पति परिवारों के साथ देश का सबसे अमीर राज्य बन गया। मुंबई में सर्वाधिक करोड़पति रहते हैं।
हुरुन इंडिया रिपोर्ट: मुंबई सबसे अमीर शहर, महाराष्ट्र में 1.78 लाख करोड़पति; जानें 10 रिचेस्ट स्टेट
Richest State City in India: महाराष्ट्र ने एक बार फिर खुद को देश के सबसे बड़े धन सृजन केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है। मर्सिडीज-बेंज हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट 2025 के अनुसार, राज्य में कुल 1.78 लाख करोड़पति परिवार हैं, जो कि अन्य राज्यों से काफी अधिक हैं। 2021 से राज्य में संपत्ति में 194% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो एक ऐतिहासिक आर्थिक छलांग मानी जा रही है।
महाराष्ट्र की संपत्ति में रिकॉर्ड उछाल
रिपोर्ट के अनुसार, 2020-21 से लेकर अब तक महाराष्ट्र की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में 55% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह आर्थिक उछाल राज्य की संपन्नता और करोड़पति परिवारों की संख्या बढ़ने में सबसे बड़ा कारक रहा है। अकेले मुंबई में ही 1,42,000 करोड़पति परिवार रहते हैं। यही कारण है कि मुंबई को भारत की मायानगरी (करोड़पति राजधानी) कहते हैं।
देश में कुल 8.71 लाख करोड़पति परिवार
पूरे भारत में अब 8,71,700 करोड़पति परिवार हैं, जिनके पास 33 करोड़ रुपए या उससे अधिक की संपत्ति है। हालांकि, यह संपत्ति कुछ चुनिंदा राज्यों और महानगरों तक ही सीमित है। केवल 10 राज्यों में ही 60% से अधिक करोड़पति परिवार केंद्रित हैं।
टॉप 10 सबसे अमीर राज्य
करोड़पति परिवारों की संख्या के आधार पर
रैंक राज्य करोड़पति परिवार
महाराष्ट्र 1,78,600
दिल्ली 79,800
तमिलनाडु 72,800
कर्नाटक 60,000
गुजरात 68,300
उत्तर प्रदेश 57,700
तेलंगाना 51,700
पश्चिम बंगाल 50,400
राजस्थान 38,100
हरियाणा 30,500
मुंबई टॉप पर: दिल्ली और बेंगलुरु पीछे
- मुंबई: 1,42,000 करोड़पति परिवार
- दिल्ली: 1,02,000 करोड़पति परिवार
- बेंगलुरु: 36,000 करोड़पति परिवार
धन त्रयी क्या है?
देश के यह तीनों शहर भारत की संपत्ति का सबसे बड़ा हिस्सा नियंत्रित करते हैं। यही कारण है कि इन्हें "धन त्रयी" कहा जा सकता है।
महाराष्ट्र की GDP सबसे अधिक
महाराष्ट्र की वित्त वर्ष 2024-25 की अनुमानित जीएसडीपी ₹45.31 लाख करोड़ रही है, जो देश में सबसे अधिक है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह ₹40.55 लाख करोड़ थी, यानी एक साल में 12% से अधिक की वृद्धि हुई है।