Manufacturing Growth: मई में देश की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 3 महीने में सबसे कम,जानें क्यों हुआ ऐसा

Manufacturing Growth: भारत में मई महीने की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंची लेकिन नई नौकरियों की रफ्तार रिकॉर्ड ऊंचाई पर रही। कमजोर मांग, बढ़ती लागत और वैश्विक तनाव के चलते ऑर्डर और उत्पादन की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है।

By :  Desk
Updated On 2025-06-02 21:28:00 IST

Manufacturing PMI declines: मई महीने में देश की मैन्युफैक्चरिंग PMI 3 महीने के निचले स्तर पर। 

Manufacturing PMI declines: भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने मई महीने में भी मजबूती दिखाई। हालांकि ग्रोथ की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी। लेकिन इस दौरान नौकरी सृजन ने इतिहास रच दिया- कंपनियों ने अब तक के सबसे तेज रफ्तार से भर्तियां कीं हैं।

HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के मुताबिक मई में इंडेक्स घटकर 57.6 रहा, जो अप्रैल में 58.2 था। हालांकि यह आंकड़ा घटा है लेकिन अब भी यह 50 के बेंचमार्क से कहीं ऊपर है, जो यह दिखाता है कि सेक्टर में विकास अभी भी जारी है।

क्यों धीमी हुई ग्रोथ की रफ्तार?

HSBC की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजल भंडारी के मुताबिक, उत्पादन और नए ऑर्डर में ग्रोथ की रफ्तार थोड़ी कम जरूर हुई है लेकिन सेक्टर की मजबूती बरकरार है।

  • नई मांग में तीन महीने की सबसे धीमी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
  • उत्पादन (Output) भी फरवरी के बाद सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ा।
  • इसके पीछे उच्च लागत, ग्लोबल जियोपॉलिटिकल तनाव और मांग में नरमी को वजह माना जा रहा।

नौकरियों की बंपर बारिश

इस मंदी के बीच सबसे चमकदार पहलू रहा रोजगार का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना। कंपनियों ने स्थायी भर्तियों को तरजीह दी। यह भर्तियां सर्वे इतिहास की अब तक की सबसे ऊंची दर पर हुईं। प्रांजल भंडारी ने इसे पॉजिटिव संकेत करार दिया है, जो भारतीय लेबर मार्केट के लिए उम्मीद जगाता है।

कीमतें बढ़ीं, RBI के लिए चुनौती

इनपुट लागत 6 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गई। कंपनियों ने यह बोझ ग्राहकों पर डालते हुए आउटपुट कीमतों में जबरदस्त इजाफा किया, जो पिछले 11 सालों में शीर्ष स्तर पर है। यह ट्रेंड भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति को चुनौती दे सकता है। हालांकि, जून 6 को होने वाली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बनी हुई है।

(प्रियंका कुमारी)

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