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हरियाणा के चर्चित अफसर अशोक खेमका द्वारा ट्वीट किए जाने के मामले में अब मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने हाथ खड़े कर दिए हैं। साथ ही कहा कि इस मामले में उनके स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं बनती, बल्कि हमने इस बारे में मुख्य सचिव को लिख दिया है। गेंद अब राज्य सरकार के पाले में डाल दी गई है।

Haryana: हरियाणा के चर्चित अफसर अशोक खेमका द्वारा ट्वीट किए जाने के मामले में अब मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने हाथ खड़े कर दिए हैं। साथ ही कहा कि इस मामले में उनके स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं बनती, बल्कि हमने इस बारे में मुख्य सचिव को लिख दिया है। गेंद अब राज्य सरकार के पाले में डाल दी गई है। इस पर अब मुख्य सचिव को ही कोई फैसला लेना होगा। ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री को लेकर ट्वीट किए जाने के बाद आईएएस अधिकारी संजीव वर्मा ने चर्चित आईएएस अशोक खेमका के खिलाफ पत्र लिख दिया था। प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद को पत्र लिखा था, जिसकी कापी मुख्य चुनाव आयुक्त को भेजी गई थी। इसमें आरोप लगाया कि खेमका ने सोशल मीडिया हैंडल पर वाड्रा लैंड डील को लेकर प्रधानमंत्री को टारगेट किया है। वर्मा ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए कार्रवाई की मांग की थी।

खेमका ने एक्स हैंडल पर वाड्रा लैंड डील को लेकर की थी पोस्ट

पिछले दिनों आईएएस अशोक खेमका ने अपने एक्स हैंडल पर वाड्रा लैंड डील को लेकर पोस्ट की थी। उन्होंने लिखा था कि वाड्रा-डीएलएफ सौदे की जांच सुस्त क्यों? दस साल हुए और कितनी प्रतीक्षा। ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में। पापियों की मौज। शासक की मंशा कमजोर क्यों? प्रधानमंत्री का देश को 2014 में दिया गया वचन एक बार ध्यान तो किया जाए। आईएएस वर्मा ने पोस्ट को अपनी शिकायत का आधार बनाया और शिकायत में लिखा कि आईएएस अशोक खेमका सरकारी सेवक हैं, बावजूद इसके वह सरकार की ही आलोचना कर रहे हैं। प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। वर्मा ने पत्र में सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन का भी हवाला देते हुए उनके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की थी।

दोनों अफसरों के बीच चल रहा विवाद

राज्य के चर्चित अफसर अशोक खेमका और संजीव वर्मा के बीच पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। वैसे, कई अन्य अफसरों के साथ-साथ खेमका की सरकारों से भी ठनी रही है। अपने ट्वीट और पत्रों के कारण खेमका सुर्खियों में बने रहते हैं। वे सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा मामले में एक डील को कैंसिल करने के कारण यूपीए सरकार में सुर्खियां बटोर गए थे। अब खेमका की संजीव वर्मा के साथ ठनी हुई है। दोनों ही अफसर एक दूसरे की जमकर शिकायत कर रहे हैं। शिकायतों की जांच के लिए सरकार मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की अध्यक्षता में जांच कमेटी का भी गठन कर चुकी है।

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